देहरादून: उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में ऊंची इमारतों की राह आसान हो सकती है। इसके लिए सरकार बिल्डिंग बायलॉज में परिवर्तन की तैयारी कर रही है। सोमवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में पर्वतीय क्षेत्रों में विकास के तहत ऊंची इमारतों के निर्माण पर चर्चा हुई। बैठक में कहा गया कि पर्वतीय क्षेत्रों में ऊंची इमारतें नहीं हैं। दूसरी चर्चा यह हुई कि भूकंप की दृष्टि से पर्वतीय क्षेत्रों में ऊंची इमारतें बनाना कारगर रहेगा। लिहाजा, कैबिनेट बैठक में तय किया गया है कि इस संबंध में अध्ययन के बाद प्रस्ताव तैयार किये जाए। इसे आगामी बैठक में रखा जाएगा। इसके लिए सरकार नीति बनाएगी।
आवासीय परियोजनाओं में भूमि बंधक नहीं होगी
प्रदेश की आवासीय परियोजनाओं में अब 15 प्रतिशत भूमि बंधक नहीं रखनी होगी। कैबिनेट ने इसमें बदलाव के लिए उत्तराखंड आवास नीति (संशोधन) नियमावली 2022 को मंजूरी दे दी है। अभी तक जो आवासीय प्रोजेक्ट बनते थे, उनमें ईडब्ल्यूएस के लिए आवास बनाने या उसके बदले धनराशि जमा कराने के अलावा कुल भूमि का 15 प्रतिशत हिस्सा प्राधिकरण में बंधक रखने का प्रावधान था। कैबिनेट में इस बात पर चर्चा हुई कि, एक तो पीपीपी मोड में पीएम आवास की तमाम परियोजनाएं आ रही हैं, जिसमें ईडब्ल्यूएस भवन ही बनने हैं। दूसरा, 15 प्रतिशत भूमि बंधक रखने की वजह से विकासकर्ता को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। लिहाजा, कैबिनेट ने तय किया है कि इसके बाद 15 प्रतिशत धनराशि बैंक गारंटी के तौर पर बंधक रखना होगा।