देहरादून: भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने राहुल गांधी की यात्रा के दौरान किसी समूह के द्वारा लगाए गए नारों को प्रायोजित बताने वाले कांग्रेसियों को आइना साफ करने के बजाय चेहरे की धूल हटाने की सलाह दी है ।
मीडिया द्वारा कांग्रेसी सॉफ्ट हिंदुत्व की नीति को लेकर पूछे सवालों पर प्रतिक्रिया देते हुए भट्ट ने कहा कि कांग्रेस की नीति सॉफ्ट नही छदम हिंदुत्व की है। जहां वह धन या सत्ता लाभ के लिए ही भगवान का सहारा लेती है । उन्होंने आरोप लगाया कि इनके छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तो पैसा बनाने के लिए महादेव को भी नही छोड़ा। ईडी की जांच और गवाहों के बयानों में खुलासा हुआ है कि महादेव एप की सट्टेबाजी से इन्होंने छत्तीसगढ़ की जनता और देश के लोगों की गाढ़ी कमाई को हड़पा है । सत्ता से सट्टा और सट्टे से सत्ता के इस खेल से मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ की गरीब जनता के 508 करोड़ रुपए चुनाव के लिए इकट्ठा किए। ठीक यही हाल राजस्थान के इनके मुख्यमंत्री गहलौत का है, जिन्होंने इन 5 सालों में माताओं बहनों के सम्मान बचाने के बजाय सिर्फ भ्रष्टाचारियों और अपराधियों को बचाने का काम किया है । उन्होंने तंज कसते हुए कहा, जहां एक ओर भाजपा सरकारों में अच्छे कामों के अपने पिछले रिकॉर्ड तोड़ रही है तो कांग्रेस की सरकारों में भ्रष्टाचार के अपने पुराने रिकॉर्ड तोड़ रही है । चुनाव पास आते ही इनके नेताओं के जनेऊ कपड़ों से बाहर और पैर मंदिरों की चौखट के अंदर जाने लगते हैं ।
उन्होंने कटाक्ष किया कि पूर्व मे राहुल गांधी की सरकार को प्रभु राम काल्पनिक और हिंदू आतंकवादी नजर आता था। यदि सही मायने में इनका भोले के दरबार में आकर विचार परिवर्तन हुआ है तो यहां से जाने के उपरांत क्या वे सनातन का अपमान और समाप्त करने की मंशा रखने वाले अपनी और सहयोगी पार्टी नेताओं को वे समझाएंगे । लेकिन ऐसा कुछ नही होने वाला है क्योंकि देवभूमि में अवैध धार्मिक स्थलों को हटाने की बात हो या कठोरतम धर्मांतरण कानून लाने की बात हो अथवा समान नागरिक संहिता लाने की बात हो हमेशा राहुल गांधी और उनके स्थानीय नेताओं ने खुलकर विरोध किया है । लिहाजा इस यात्रा से उनकी एवं कांग्रेस पार्टी की सोच में कोई बदलाव नहीं आने वाला और न ही जनता की उनके प्रति सोच में परिवर्तन आने वाला है।
राहुल गांधी के सामने मोदी मोदी के नारों को स्वतस्फूर्त बताते हुए उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री जी दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता हैं और राहुल गांधी का मोदी विरोध जगजाहिर है लिहाजा जनता की इस तरह की प्रतिक्रिया स्वाभाविक है । उन्होंने राहुल गांधी को सलाह दी कि बाबा के दरबार से वह सकारात्मक विचार लेकर जाए और अपने कार्यकर्ताओं और सहयोगी पार्टियों को सनातन के अपमान से रोकें ।