कानपुर : उत्तर प्रदेश में एक ऑनलाइन निकाह का मामला सामने आया. जहां दुल्हन कानपुर में बैठी थी, जबकि दूल्हा हजारों किलोमीटर दूर जर्मनी में था. मुफ्ती साहब ने लैपटॉप पर ऑनलाइन निकाह पढ़ा. दूल्हा और दुल्हन कुबूल है, कुबूल है… बोलकर एक दूजे के हो गए. सारी रस्में वीडियो कॉल पर निभाई गईं. ये निकाह चर्चा का विषय बना हुआ है.
मामला महानगर के सिविल लाइंस क्षेत्र का. जहां रहने वाले हाजी फरहत की बेटी मजिहा हुसैन का निकाह जर्मनी में रहने वाले मोहम्मद हस्सान के साथ हुआ है. यह निकाह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सम्पन्न हुआ. दोनों पक्षों के रिश्तेदार कानपुर में मौजूद रहे. वहीं, जर्मनी में मौजूद मोहम्मद हस्सान ने ऑनलाइन तीन बार कुबूल है, कुबूल है… कहकर निकाह किया.
दूल्हा और दुल्हन दोनों हैं इंजीनियर
दरअसल, एम्पायर इस्टेट निवासी हाजी फरहत हुसैन ने अपनी बेटी की अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में प्रोफेसर मोहम्मद मुनीर के बेटे मोहम्मद हस्सान से तय की थी. सिविल लाइंस स्थित एम्पायर एस्टेट मस्जिद में दूल्हा और दुल्हन पक्ष के रिश्तेदार मौजूद रहे. वहीं, दूल्हा मोहम्मद हस्सान जर्मनी में मौजूद था.
दुल्हन मजिहा इंजीनियर है. वहीं, हस्सान जर्मनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर है. दोनों एक दूसरे को बचपन से जानते थे. उनकी फैमिली भी काफी संपन्न और पढ़ी-लिखी है. निकाह समारोह बेहद सादगी से पूरा किया गया. हस्सान के माता-पिता अलीगढ़ से कानपुर पहुंचे थे. इधर, कानपुर में मजिहा और उसके माता-पिता निकाह में शामिल हुए थे. साथ में निकाह कराने वाले मुफ़्ती/काजी इकबाल भी मौजूद रहे. निकाह पहले से ही 5 नवंबर को होना तय था.
परिजनों ने बताया कि जर्मनी जाने के लिए वीजा अप्लाई किया था लेकिन समय पर वीजा नहीं मिल पाया. उधर, हस्सान को छुट्टी भी नहीं मिल पा रही थी. इसलिए तय समय पर निकाह पूरा करने के लिए ऑनलाइन शादी की योजना बनाई गई.
इस निकाह पर मुफ्ती इकबाल का कहना है इसमें कोई बुराई नहीं है. जमाना बदल गया है. अगर इंटरनेट से हम व्यापार, बातचीत आदि सबकुछ कर सकते हैं तो रिश्ता क्यों नहीं. वहीं, घरवालों ने कहा कि हमने सादगी से शादी का प्लान किया था. दिखावा और फिजूलखर्ची नहीं करना था.