न्यूज़ डेस्क : बिहार सर्विस पब्लिक कमिशन द्वारा जारी टीचर रिजल्ट जारी होने के बाद टीचरों की ज्वॉइनिंग का सिलसिल जारी है. टीआरई-1 के जरिए भर्ती प्रक्रिया पूरी कर शिक्षकों को नियुक्ति दी गई है. वहीं दूसरे चरण के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया जारी है. शिक्षकों की अलग-अलग स्कूलों में नियुक्ति के लिए भेजा जा रहा है. इस दौरान कुछ ऐसी घटनाए सामने आ रही है, जिसे देखकर आपको विश्वास नहीं होगा. बिहार की शिक्षा का पिछड़ापन उजागर होता नजर आ रहा है. हाल ही में एक नए शिक्षकों की नियुक्ति स्कूल में की गई.
ये बिहार के पश्चिम चम्पारण का प्राइमरी स्कूल गोबरही है, BPSC द्वारा चयनित शिक्षिका कार्यभार लेने पहुँची हैं.
बिहार में 5419 सरकारी स्कूलों के पास कोई भवन नहीं है. pic.twitter.com/KpjU4RvxL6
— Utkarsh Singh (@UtkarshSingh_) November 17, 2023
स्कूल की जगह पर झोपड़ी
इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें शिक्षिका स्कूल के नाम पर मात्र झोपड़ी में जमीन पर रखे रजिस्टर में अपना कार्यभार ग्रहण कर रही है. स्कूल के नाम पर केवल एक झोपड़ी है न स्कूल का पता और नहीं स्टूडेंट्स का, सुनसान खेत में दिख रहे झोपड़ी में आप देख सकते हैं बिहार में शिक्षा व्यवस्था के क्या हाल हैं. बिहार में स्कूलों की इस दशा और पिछड़ेपन को बयां करती इस वीडियो को सोशल मीडिया यूजर ने शेयर किया है. इस वीडियो को कई लाख बार देखा जा चुका है.
5419 सरकारी स्कूलों के पास कोई भवन नहीं है
वीडियो में लिखा है कि 5419 सरकारी स्कूलों के पास कोई भवन नहीं है. यानी राज्य में झोपड़ी जैसे एक-दो स्कूल नहीं बल्कि हजारों भी अभी बिना भवन के चल रहे हैं. बीपीएससी टीआर रिजल्ट 26 अक्टूबर को जारी कर दिया गया था और शिक्षकों को नियुक्ति पत्र बांटने का कार्य 2 नवंबर से शुरू हो गया था.अब तक करीब 90 फीसदी सफल अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र बांटे जा चुके हैं जो अपने-अपने स्कूलों में पदभार ग्रहण कर रहे हैं.
बिहार शिक्षक भर्ती के लिए दूसरे चरण के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू समाप्त हो चुकी है. बीपीएससी की इस भर्ती में 70 हजार पदों के लिए विज्ञापन जारी किया था जिसमें 50 हजार 600 से ज्यादा रिक्तियों को और जोड़ा गया है.यानी अब कुल 1.22 लाख पदों पर योग्य अभ्यर्थियों का चयन किया जाएगा.