देहरादून: भाजपा ने सिलक्यारा हादसे को लेकर कांग्रेस पर दोगली और नकारात्मक बयानबाजी करने का आरोप लगाया है । साथ ही विपक्ष को इस संवेदनशील मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करने की चुनौती देते हुए कहा, मंत्रियों के घटनास्थल पर नही पहुंचने के आरोप और उनके पहुंचने पर बचाव कार्य बाधित होने की बयानबाजी दोनो एक साथ नहीं स्वीकारे जा सकते हैं ।
पार्टी मुख्यालय पर पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठरी ने कहा, टनल हादसे में फंसे श्रमिक भाइयों को सुरक्षित निकालने के लिए केंद्र और राज्य सरकार समन्वय बनाकर युद्धस्तर पर बचाव कार्यों में जुटी हैं । उन्होंने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के घटना स्थल का मौके मुआइना को रेड कार्पेट बिछाने से जोड़ने पर सख्त आपत्ति दर्ज की है । साथ ही पलटवार करते हुए कहा, पहले कांग्रेस कहती है कि मंत्री चुनाव प्रचार में लगे हैं और घटनास्थल पर नही जा रहे हैं और अब जब परियोजना से जुड़े सड़क परिवहन विभाग के केंद्रीय मंत्री वहां जाते हैं तो भी उन्हें आपत्ति होती है । लिहाजा कांग्रेस को स्पष्ट करना चाहिए कि वे क्या चाहते हैं मंत्री वहां जाएं या नहीं । फिलहाल इस पूरे विषय पर भाजपा का रुख स्पष्ट है, मजदूरों की जान बचाने के लिए तकनीक, विशेषज्ञ और प्रतिनिधियों जिसकी भी जरूरत वहां पड़ेगी उसे तत्काल वहां लाया जाएगा । रही बात गडकरी जी की तो, वे पूरे बचाव अभियान से संबंधित विभाग के प्रमुख हैं, उनका वहां आना उसे और अधिक गति देने वाला हैं ।
उन्होंने कार्यदायी निर्माण कंपनी की गलतियों को लेकर विपक्षी आरोपों का जबाब देते हुए कहा, मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने इस पूरी घटना की जांच के आदेश दिए हैं । जैसे ही बचाव कार्य संपन्न होगा निश्चित रूप से जांच में दोषी पाए जाने पर कार्यवाही होगी और जिस तरह के सुधारों की जरूरत होगी उसपर अमल किया जाएगा । लिहाजा विपक्ष के नेताओं को बिना जांच के निष्कर्ष पर पहुंचने के बजाय अच्छे सुझाव देना चाहिए और श्रमिकों के सुरक्षित निकलने की कामना करनी चाहिए ।
उन्होंने पहाड़ पर सुरंग तकनीक पर बेवजह निशाना लगाने वाले विपक्षी नेताओं पर कटाक्ष करते हुए कहा, लंबे समय से विशेषज्ञों द्वारा पहाड़ ने यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए सुरंग बनाने की मांग की जाती रही है । विश्व भर के अनुभव भी इसे बेहतर बताते हैं, लिहाजा सिर्फ एक दुर्घटना के आधार पर बिना जांच के पूरी तकनीक पर सवाल खड़ा करना कतई जायज नहीं है।