देहरादून: आगामी दिसंबर महीने में प्रस्तावित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट को लेकर तैयारियां जोरों से चल रही हैं. अभी तक ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए करीब एक लाख 30 हज़ार करोड़ रुपए के एमओयू साइन हो चुके हैं. समिट को लेकर प्रदेश की प्रमुख सड़कों को बेहतर किया जा रहा है. हालांकि अभी तक सड़कों का काम पूरा नहीं हुआ है.
सीएम धामी ने ली पीडब्ल्यूडी की बैठक: सड़कों के अधूरे काम देखते हुए सीएम धामी ने मंगलवार को पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक के दौरान सीएम धामी ने अधिकारियों को 30 नवंबर तक का अल्टीमेटम देते हुए कहा कि अगर इस समय सीमा तक सड़कें गड्ढा मुक्त नहीं हुईं, तो अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जायेगी.
सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के लिए 30 नवंबर की डेडलाइन
यही नहीं, सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बैठक के दौरान पीडब्ल्यूडी सचिव और अन्य सर्कल अधिकारियों को निर्देश दिया कि अधिकारी स्थलीय निरीक्षण करें. इसके अलावा, चेतावनी दी कि निर्धारित समय के भीतर सड़कों के गड्ढा मुक्त न होने पर और कार्यों के प्रति किसी भी तरह की लापरवाही बरतने पर संबंधित अधिकारियों के निलंबन की कार्रवाई की जाएगी. सीएम ने कहा कि वे कभी भी सड़कों के निर्माण कार्यों और पैच वर्क से संबधित कार्यों का औचक निरीक्षण कर सकते हैं. लिहाजा, स्मार्ट सिटी के कार्यों और आतंरिक सड़क मार्गों के कार्यों को युद्धस्तर पर किया जाए.
सचिव पीडब्ल्यूडी को बनाया
इसके अलावा, शहर में सड़कों का निर्माण कार्य रात के समय में तेज गति से किया जाए. सीएम ने कहा कि निर्माण कार्यों की गुणवत्ता में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. ऐसे में जिन सड़कों का निर्माण किया जा रहा है, उनकी गुणवत्ता बेहतर होनी चाहिए. इसके लिए सचिव पीडब्ल्यूडी को नोडल अधिकारी बनाने के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा, इस बात पर भी ध्यान दिया जाए कि जहां पर निर्माण कार्य किए जा रहे हैं, वहां पर सही तरीके से बैरिकेडिंग लगाने पर ध्यान दिया जाए. ताकि आने जाने वाले लोगों को आवागमन के दौरान परेशानियों का सामना न करना पड़े.
50 साल की योजना बनाकर करें काम
सीएम ने निर्देश दिए कि सड़कों पर डिवाइडर, रिफ्लेक्टर, साइनेज लाइटिंग की अच्छी व्यवस्थाएं रखी जाएं. साथ ही सीएम ने कहा कि देहरादून में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट और आपदा प्रबंधन पर 6वीं अन्तरराष्ट्रीय कांग्रेस जैसे दो बड़े आयोजन होने हैं. ऐसे में इन आयोजनों को ध्यान में रखते हुए सभी तैयारियां समय पर पूरी कर ली जाएं. जिन क्षेत्रों में पानी का बहाव अधिक होता है, ऐसे क्षेत्रों में व्हाइट टॉपिंग तकनीक का प्रयोग किया जाए. सड़कों से संबंधित जो भी योजनाएं बनाई जा रही हैं, वे आगामी 50 साल की परिस्थितियों को ध्यान में रखकर बनाई जाएं.
अतिक्रमण पर सख्त दिखे सीएम: सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि सड़कों पर बिजली के तार न झूल रहे हों. सड़कों के चौड़ीकरण के दौरान बिजली के पोल को भी सड़कों से बाहर शिफ्ट किया जाए. साथ ही सड़कों पर किसी प्रकार का अतिक्रमण न हो, इस पर विशेष ध्यान दिया जाए. सीएम ने कहा कि उत्तराखंड पर्यटन और तीर्थाटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण राज्य है. राज्य में पर्यटकों और श्रद्धालुओं की संख्या हर साल तेजी से बढ़ रही है. इसके लिए रोड कनेक्टिविटी का मजबूत करने की जरूरत है. साथ ही सड़कों के विस्तार और बिजली उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए, तेजी से आगे बढ़ना होगा.