गांधीनगर: रेलवे सुरक्षा गार्ड के साहस और कर्तव्य की भावना ने मंगलवार को गुजरात के वापी स्टेशन पर एक बुजुर्ग व्यक्ति को ट्रेन से कुचलने से बचा लिया। पूरी घटना रेलवे स्टेशन पर लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया। घटना का वीडियो सामने आने के बाद हर कोई सिक्योरिटी गार्ड की तारीफ कर रह रहा है।
Flash:
Visuals of an old man, attempting to cross railway tracks at #Vapi Railway Station, falls and gets trapped as Surat-Bandra Intercity train approaches platform. GRP Jawan rescues the old man.#Gujarat pic.twitter.com/YZ2cIpr1V8
— Yuvraj Singh Mann (@yuvnique) November 23, 2023
सिक्योरिटी गार्ड ने बचाया बुजुर्ग का जान
सामने आए सीसीटीवी फुटेज में कई लोगों को एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफॉर्म पर जाने के लिए ट्रैक पार करते देखा जा जा रहा है, जो कि रेलवे के नियमों के खिलाफ है। लेकिन ये आम बात है, आपने भी ये देखा होगा कि स्टेशन पर लगे फुट ओवर ब्रिज को छोड़कर रेलवे ट्रैक से ही प्लेटफॉर्म बदलते हैं। इसी तरह मंगलवार को गुजरात के वापी स्टेशन पर भी लोग पटरियों के साइड से ही प्लेटफॉर्म बदलते नजर आए। इस समय, एक बुजुर्ग व्यक्ति को पटरियों को पार करते हुए देखा जा सकता है क्योंकि सूरत-बांद्रा टर्मिनस इंटरसिटी ट्रेन शाम 6 बजे के आसपास स्टेशन में प्रवेश कर रही है। जैसे ही ट्रेन करीब आती है, बुजुर्ग व्यक्ति लड़खड़ाकर पटरियों के बीच गिर जाता है। जीआरपी कर्मी प्लेटफॉर्म से छलांग लगाकर बुजुर्ग व्यक्ति की ओर दौड़ते नजर आ रहे हैं। ट्रेन कुछ मीटर दूर थी तभी वह उस आदमी को पकड़कर पटरी से दूर खींच लेता है और एक बड़ा हादसा होते-होते टल जाता है।
कौन है वो रेल कर्मी जिसने बुजुर्ग के लिए बना भगवान?
जिस रेलवे सुरक्षा गार्ड ने बुजुर्ग व्यक्ति की जान बचाई है उसका नाम वीराभाई मेरू है। जीआरपी कर्मी ने अपनी जान जोखिम में डालकर बुजुर्ग व्यक्ति की जान बचा दी। लोगों को ट्रैक पार करने के खिलाफ चेतावनी देने और जुर्माने के बावजूद, रेलवे इस कार्य पर लगाम लगाने में विफल रहा है। महिलाएं और बच्चे समेत यात्री कुछ मिनट बचाने के लिए अक्सर इस खतरनाक रास्ते का इस्तेमाल करते हैं।
पहले भी आ चुके हैं ऐसे वीडियो
पिछले कुछ वर्षों में स्टेशनों पर लगाए गए सीसीटीवी कैमरों में सुरक्षा कर्मियों और दर्शकों द्वारा आने वाली ट्रेनों के सामने यात्रा करने वाले यात्रियों को बचाने के लिए अपनी सुरक्षा जोखिम में डालने की कई घटनाएं कैद हुई हैं।