फरीदाबाद: हरियाणा के फरीदाबाद में एक 17 वर्षीय लड़की को लगभग को 17 दिन के लिए उसके घर में डिजिटली अरेस्ट कर लिया गया. इस बारे में वह अपने परिवार के सदस्यों तक को नहीं बता पाई. इस दौरान उसके अकाउंट से 2.5 लाख रुपये भी निकलवा लिए गए. आपको जानकर हैरानी होगी कि डिजिटल अरेस्ट कोई असली अरेस्ट नहीं है. यह ठगों द्वारा लोगों से पैसे निकलवाने का नया इजाद तरीका है. ठग पैसे लूटने के लिए किस हद तक पहुंच सकते हैं यह आप आगे इस लेख में जानेंगे.
डिजिटल अरेस्ट आखिर होता क्या है ?
पहले जान लेते हैं कि डिजिटल अरेस्ट आखिर होता क्या है. जैसा कि हमने बताया यह कोई असली अरेस्ट नहीं है. कम-से-कम भारत में तो ऐसा अभी कुछ नहीं है. तो फिर ये है क्या? डिजिटल अरेस्ट में ठग द्वारा पीड़ित को फोन कर बताया जाता है कि उनका नाम फलां-फलां केस में आया है और उन्हें घर से बाहर निकलने की अब अनुमति नहीं है. इतना ही पीड़ित से यह भी कहा जाता है कि वह डिजिटल तौर पर लगातार उनसे यानी ठगों से जुड़े रहेंगे. साथ ही वह इस बारे में अपने परिवार के किसी सदस्य या दोस्त व परिचित को नहीं बता सकते हैं. इसके बाद पीड़ित से केस रफा-दफा करने के लिए पैसों की मांग की जाती है.
ताजा केस क्या है?
एनसीआर क्षेत्र में आने वाले हरियाणा के फरीदाबाद में एक 17 वर्षीय लड़की को इसी तरह ठगी का शिकार बनाया गया है. पीड़िता को फोन करके बताया गया कि कंबोडिया जा रहे एक पार्सल से पीड़िता का आधार नंबर लिंक है. इस पार्सल में कई फर्जी पासपोर्ट और अन्य कार्ड हैं. पीड़िता को बताया जाता है कि वह मानव तस्करी के अवैध कारोबार में संलिप्त है. ठगों द्वारा फोन लखनऊ कस्टम अधिकारी बनकर किया जाता है. उससे कहा जाता है कि अगर वह पार्सल उसका नहीं है तो लखनऊ के संबंधित थाने में जाकर एफआईआर दर्ज कराए. पीड़िता को इसके बाद स्काइप कॉल करने के लिए कहा जाता है. घबराई हुई नाबालिग लड़की ऐसा ही करती है और फिर डिजिटल अरेस्ट का शिकार हो जाती है.
फर्जी थाना और अधिकारी
स्काईप कॉल पर पीड़िता को फर्जी थाना और पुलिस अधिकारी दिखाए जाते हैं. स्काईप पर ही उसे फर्जी कस्टम और सीबीआई अधिकारी भी दिखाए जाते हैं. इसके बाद लड़की को कहा जाता है कि अब ठगों के साथ लगातार संपर्क में बनी रहे. वह फोन पर या स्काईप उनसे जुड़ी रहेगी. साथ ही इस बात की जानकारी भी घर के किसी सदस्य व दोस्तों को नहीं दे सकती. लड़की ने ऐसा ही किया. पीड़िता उच्च शिक्षा लेने के लिए विदेश जाने की तैयारी कर रही थी तो घर वालों को लगा कि वह पढ़ाई से संबंधित किसी काम में व्यस्त है.