41 मजदूर….कुछ मीटर दूर, बचाने के लिए एकजुट हुआ पूरा भारत, जानें- कहां-कहां से मिली मदद, विदेशी दोस्तों का भी मिला साथ

खबर उत्तराखंड देश की खबर

देहरादून (उत्तराखंड): उत्तरकाशी के सिलक्यारा में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन को आज पूरे 13 दिन हो गए हैं. इस रेस्क्यू ऑपरेशन में हर दिन एक नई चुनौती लेकर आ रहा है. हालांकि शुक्रवार शाम तक सभी मजदूरों को रेस्क्यू कर लेने की बात कही जा रही है. रेस्क्यू कर रहे तमाम लोगों के लिए जितना चैलेंजिंग ये काम हो गया है, उससे कई अधिक दुविधा में वो लोग हैं जो 13 दिन से अंदर कैद हैं. इसे ऐसे समझा जा सकता है कि कोई व्यक्ति अगर चंद सेकंड के लिए भी लिफ्ट में फंस जाता है तो उसका क्या हाल होता है, लेकिन टनल में 41 मजदूर 13 दिन से सुरंग में फंसे हैं. वहीं मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए केवल उत्तराखंड ही नहीं पूरे देश से मदद मिल रही है, साथ ही विदेश के कई एक्सपर्ट्स भी सहायता कर रहे हैं.

दूसरे राज्यों से भी आई मदद: रविवार 12 नवंबर दीपावली के दिन जब 41 मजदूर टनल में फंसे थे, तब शायद उत्तराखंड की तमाम एजेंसी यही सोच रही थी कि वो कुछ घंटे बाद सभी को रेस्क्यू कर लेंगी. किसी को भी ये मालूम नहीं था कि कितना बड़ा पहाड़ मजदूरों के सामने गिरा हुआ है. लेकिन धीरे-धीरे जैसे ही ये साफ हुआ की काम बेहद मुश्किल है, वैसे ही ना केवल देश के तमाम एक्सपर्ट खुद राज्य सरकार के संपर्क में आए, बल्कि उत्तराखंड सरकार ने भी फंसे लोगों को बचाने के लिए तमाम राज्यों से संपर्क किया. उत्तराखंड में हर प्लान को सफल बनाने के लिए केंद्र सरकार में भी अपनी तमाम एजेंसियों को लगा दिया.

वायु सेना ने निभाई अहम भूमिका

सबसे पहले दिल्ली से ड्रिलिंग मशीन आई जिसने काफी हद तक शुरुआती दो दिनों में मलबा हटाने का काम किया. इसके बाद जब बात नहीं बनी तो फिर एक बार दिल्ली से अमेरिकन ऑगन मशीन भेजी गई, जिसने अब तक के रेस्क्यू ऑपरेशन में सबसे अहम भूमिका निभाई. प्लान ऊपर से ड्रिलिंग का था तो गुजरात भी पीछे नहीं रहा, तत्काल गुजरात से भी विशालकाय मशीन उत्तरकाशी पहुंच गई. इन सभी मशीनों को तत्काल पहुंचने में वायु सेना की भूमिका अहम रही. समय की अहमित को देखते हुए एक ही दिन में गुजरात और दिल्ली जैसे राज्यों से मशीनों भेजी गई.

जब बात पाइप और अन्य मशीनों की आई तो मध्य प्रदेश ने भी अपना हाथ आगे बढ़ाया. मध्य प्रदेश से दो बड़ी अत्याधुनिक बरमा ड्रिलिंग मशीनों को उत्तराखंड भेजा गया. अच्छी बात ये रही की उत्तरकाशी के इस रेस्क्यू ऑपरेशन में किसी भी मशीन अथवा दूसरे सामान को लाने के लिए समय नहीं लगाया गया.

रेस्क्यू में विदेशों से मिली मदद

हैदराबाद ने भी अपनी तरफ से उत्तरकाशी में मजदूरों को बचाने के लिए सहयोग दिया. हैदराबाद से न केवल एक्सपर्ट की टीमें तत्काल उत्तरकाशी पहुंची, बल्कि बड़ी ऑगन मशीन भी उत्तराखंड भेजी गई. इसके साथ ही चेन्नई से आई एक बड़ी ड्रिलिंग मशीन भी ऋषिकेश के रेलवे स्टेशन पर तैयार खड़ी है. जैसे ही इसकी जरूरत होगी वैसे ही इसे उत्तरकाशी भेजा जाएगा. हिमाचल और यूपी ने भी हरसंभव सहायता देने का उत्तराखंड सरकार को आश्वासन दिया है. इसके साथ ही अर्थ ऑगन मशीन ओडिशा से मंगवाई गई थी. हालांकि उस मशीन का अधिक इस्तमाल नहीं हुआ, लेकिन अगर अगर टनल के पीछे से दूसरा सुराख करने की जरूरत पड़े तो ये मशीन बेहद कारगर है.

विदेशों से भी मिल रही मदद

भारत ही नहीं, विदेशों से भी उत्तरकाशी हादसे को लेकर सहायता के हाथ बढ़े हैं. माइक्रो टनलिंग विशेषज्ञ क्रिस कूपर, इंजीनियरिंग विशेषज्ञ अरमांडो कैपेलन, अमेरिकी टनल एक्सपर्ट सहित कई विदेशी विशेषज्ञ साइट पर मौजूद रहकर लगातार अपनी राय और सहायता कर रहे हैं. एक अनुमान के मुताबिक, लगभग 2100 लोग इस रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे हैं. इसके साथ ही देश के 20 प्रमुख संस्थान इस कार्य में लगे हुए हैं.

जानिए कौन-कौन से संस्थान रेस्क्यू में कर रहे मदद-

  1. नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (NDRF)
  2. स्टेट डिजाइनर रिस्पॉन्स फोर्स (SDRF)
  3. बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (BRO)
  4. राष्ट्रीय राजमार्ग और अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (NHIDCL)
  5. उत्तराखंड पुलिस (Uttarakhand Police)
  6. सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड (SJVNL)
  7. रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL)
  8. लार्सन एंड टूब्रो
  9. टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड (THDC)
  10. आपदा प्रबंधन विभाग
  11. जिला प्रशासन
  12. ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉर्पोरेशन (ONGC)
  13. भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस (Indo-Tibetan Border Police)
  14. राज्य लोनिवि
  15. भारतीय सेना
  16. डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (DRDO)
  17. परिवहन मंत्रालय
  18. होमगार्ड्स
  19. वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी (WIHG)
  20. इंडियन इंस्टीटट्यूट ऑफ टेक्नोीलॉजी रुड़की (IIT Roorkee)
Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *