देहरादून: आगामी 01 दिसम्बर 2023 से उत्तराखंड राज्य के 12वें पुलिस महानिदेशक (DGP) के रूप में प्रदेश की कमान संभालने जा रहे तेजतर्रार व ईमानदार आईपीएस अभिनव कुमार किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं..देश दुनिया में प्रसिद्ध देहरादून स्थित दून स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण करने और हार्डवर्ड यूनिवर्सिटी जैसे अंतरराष्ट्रीय शिक्षण संस्थान से पासआउट होने वाले अभिनव कुमार अपनेआप में अद्भुत शख्सियत है..ऐसे में जानिए उनके पत्रकार से DGP बनने तक का उनके सफर…
IPS अभिनव कुमार के अनुसार दिसंबर 1994 से अप्रैल 1995 तक कॉपीराइटर एचटीए दिल्ली के साथ काम करते समय उन्हें पेप्सी अकाउंट सौंपा गया था..इस दौरान उन्हें दो प्रमुख विज्ञापन अभियानों में शामिल किया गया था. यह संक्षिप्त कार्यकाल उनका आधुनिक विपणन विधियों का एक अच्छा अनुभव था. IPS अभिनय कुमार अप्रैल 1995 से दिसंबर 1996 तक इंडिया टुडे पत्रिका में पत्रकार रहे.इसमें पहला साल उन्होंने उप-संपादक के रूप में बिताया और उसके बाद दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय मामलों और अपराध को कवर करने वाले एक रिपोर्टर/शोधकर्ता के रूप में काम किया.. इंडिया टुडे के साथ कार्यकाल में उन्होंने अपने लेखन और विश्लेषणात्मक कौशल को तेज किया.जिसके परिणामस्वरूप उन्हें मीडिया के कामकाज की अच्छी समझ हुई. एक आईपीएस अधिकारी के रूप में अपने काम के दौरान इस अनुभव ने उन्हें अच्छी स्थिति में रखा..
सितम्बर 97 से सितम्बर 99 तक,भारतीय पुलिस सेवा में प्रशिक्षु अधिकारी..
उत्तराखंड ने नवनियुक्त DGP अभिनव कुमार के अनुसार आईपीएस अधिकारियों के लिए निर्धारित प्रशिक्षण के अनुसार तत्कालीन अविभाजित राज्य उत्तर प्रदेश में अपनी सेवा शुरू करने से पहले उन्होंने देश भर में विभिन्न स्थानों पर दो साल का प्रशिक्षण लिया..अक्टूबर 1999 से फरवरी 2001 तक एएसपी देहरादून ने सहायक पुलिस अधीक्षक के रूप में देहरादून में कार्य किया.इस क्षमता में लगभग 250,000 की आबादी वाले क्षेत्र के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार रहे और साथ ही 1000 से अधिक अधिकारियों और कांस्टेबलों के लिए मानव संसाधन और कल्याण का प्रभारी रहे. नवंबर 2000 में नया उत्तराखंड राज्य बनाया गया और जहाँ से अभिनव कुमार ने अपनी IPS सेवा जारी रखने का विकल्प चुना और उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई..फरवरी 2001 से अप्रैल 2002 तक एसपी पौडी गढ़वाल ने लगभग 800,000 की आबादी वाले जिले पौडी गढ़वाल के पुलिस अधीक्षक के रूप में कार्य किया..वही 500 से अधिक अधिकारियों और पुरुषों की एक सेना की कमान संभाली. इस जिले में कॉर्बेट और राजाजी नेशनल पार्क के कुछ हिस्से शामिल थे और वन्यजीव अपराध से निपटना प्राथमिकता थी.. IPS अभिनव द्वारा दो भर्ती अभियान चलाए और फरवरी 2002 में उत्तराखंड राज्य के पहले विधानसभा चुनावों का निरीक्षण किया..
IPS अभिनव कुमार अप्रैल 2002 से जून 2004 तक उत्तराखंड के राज्यपाल के एडीसी के रूप में कार्य किया.उन्हें दो राज्यपालों की सेवा करने का सौभाग्य मिला.एडीसी 1 ने अपने दैनिक कार्यों की योजना बनाई और राजभवन (गवर्नर हाउस) की सुरक्षा, औपचारिक और घरेलू स्थापना की निगरानी की..
जून 2004 से जून 2007 तक एसएसपी हरिद्वार
IPS अभिनव कुमार 2004 से जून 2007 तक हरिद्वार जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) के रूप में कार्य किया.. 15 लाख से अधिक आबादी वाला यह जिला उत्तराखंड का सबसे बड़ा जनपद है..हिंदुओं के पवित्र तीर्थस्थल के रूप में अपनी स्थिति के कारण,यह हर साल 20 मिलियन से अधिक तीर्थयात्रियों को आकर्षित करता है, और उनका सुरक्षित मार्ग सुनिश्चित करना एक प्राथमिक चिंता है.. उन्होंने लगभग 1500 अधिकारियों और पुरुषों की एक सेना की कमान संभाली..हरिद्वार एसएसपी कार्यकाल के दौरान आईपीएस अभिनव कुमार ने हरिद्वार में बड़े पैमाने पर औद्योगीकरण शांतिपूर्वक कर एक भर्ती अभियान भी चलाया..
फरवरी 2007 में राज्य विधानसभा के चुनावों का पर्यवेक्षण किया..
IPS अभिनव कुमार जून 2007 से जुलाई 2009 तक डीजीपी/एसएसपी एसटीएफ के सहायक रहे.फरवरी 2008 से एसएसपी स्पेशल टास्क फोर्स (संगठित अपराध और आतंकवाद से निपटने वाली एक विशेष इकाई) की अतिरिक्त जिम्मेदारी के साथ जून 2007 से पुलिस महानिदेशक और एसपी अपराध/कानून एवं व्यवस्था के सहायक के रूप में कार्य भी किया. वही जुलाई 2009 से जुलाई 2010 तक एसएसपी देहरादून के रूप में कार्य किया. लगभग 14 लाख लोगों की आबादी वाले उत्तराखंड राज्य की यह राजधानी. देहरादून में हर साल कई मिलियन पर्यटकों को हिल स्टेशन मसूरी और पवित्र शहर ऋषिकेश की ओर आकर्षित करता है. लगभग 2000 की सेना की कमान संभालते हुए आईपीएस अभिनव कुमार ने यहाँ कानून-व्यवस्था और यातायात नियमन पर विशेष जोर दिया.. जुलाई 2010 से अप्रैल 2011 तक डीआइजी अपराध कानून एवं व्यवस्था/डीजीपी के सहायक ने पदोन्नति के बाद डीआइजी पुलिस मुख्यालय और डीजीपी के सहायक के रूप में कार्य किया. इस हैसियत से उन्होंने पूरे राज्य के लिए अपराध और कानून-व्यवस्था की देखभाल करना और योजना बनाने एवं उसे क्रियान्वित करने की जिम्मेदारी निभाई..
अपराध नियंत्रण के लिए राज्यव्यापी रणनीतियाँ.. अप्रैल 2011 से सितंबर 2011 तक उत्तराखंड मुख्यमंत्री के अपर सचिव रहे.
जुलाई 2011 से अक्टूबर 2011 तक अतिरिक्त सचिव गृह के समवर्ती प्रभार के साथ सीएम कार्यालय में अतिरिक्त सचिव के रूप में कार्य करते हुए, IPS अभिनव कुमार ने पीडब्ल्यूडी, सिंचाई, स्कूल शिक्षा, ग्रामीण विकास जैसे प्रमुख विभागों की निगरानी का प्रभारी वाला कार्य बखूबी निभाया.. जबकि इसी बीच पर्यटन,आपदा प्रबंधन, जेल और धार्मिक मामलों में कुछ बहु-विषयक योजनाओं और पहलों की भी निगरानी कार्य देखा..मुख्यमंत्री अतिरिक्त सचिव गृह के रूप में कानून और व्यवस्था, अधीनस्थ पुलिस प्रतिष्ठान,जेल, होम गार्ड और मानवाधिकार से संबंधित क्षेत्रों की जिम्मेदारी देखी..
विशेष विमान से October 2011to November 2011 DIG/SSP Udham Singh Nagar का चार्ज लिया
अक्टूबर 2011 में रुद्रपुर में सांप्रदायिक दंगों के बाद IPS अभिनव कुमार जिले का प्रभार लेने और स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए विशेष विमान से भेजा गया था..
दिसंबर 2011 से नवंबर 2012 तक डीआइजी सीआइडी
डीआइजी सीआईडी के रूप में IPS अभिनव कुमार द्वारा सीआईडी मुख्यालय, सेक्टर देहरादून और सेक्टर हल्द्वानी के काम की निगरानी कर जिम्मेदार कार्य देखा.इसके लिए उन्होंने राज्य के कुछ सबसे संवेदनशील मामलों को संभालते हुए,इस क्षमता में एडीजी को रिपोर्ट किया.
सी.आई.डी.
IPS अभिनव कुमार ने नवंबर 2012 से जून 2014 मानव संसाधन विकास मंत्रालय नई दिल्ली में डॉ. शशि थरूर के निजी सचिव के रूप में एक केंद्रीय मंत्री के निजी सचिव के रूप में मंत्री के आधिकारिक कर्तव्यों से संबंधित सभी व्यवस्थाओं की देखभाल को बखूबी निभाया.इस कार्य में नियुक्तियों,यात्रा कार्यक्रम,कार्यक्रमों का प्रबंधन शामिल है.इसमें सभी भाषण,पत्राचार और फ़ाइल कार्य को भी ही संभाला जाता है. आईपीएस अभिनव कुमार कहते हैं कि केंद्रीय मंत्री शशि थरूर के बड़े कद और प्रोफाइल को देखते हुए उनके स्टाफ में काम करना एक अविश्वसनीय सीखने का अनुभव रहा है..
जुलाई 2014 से मार्च 2016 तक डीटीई जनरल में डीआइजी (प्रोसी) आई टी बी पी
नई दिल्ली में भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल मुख्यालय में डीआइजी प्रोक्योरमेंट रहें. आईटीबीपी लगभग 90,000 कर्मियों वाला एक मजबूत संगठन है,जिसकी प्राथमिक जिम्मेदारी 32,00 किलोमीटर लंबी भारत-चीन सीमा की सुरक्षा करना है. यह आंतरिक सुरक्षा संबंधी कई अन्य कर्तव्य भी निभाता है.इसके अतिरिक्त डीआइजी प्रोक्योरमेंट के रूप में IPS अभिनव कुमार ने लगभग 65 करोड़ रुपये के वार्षिक व्यय की सभी निविदा वस्तुओं की खरीद की निगरानी भी की.
अप्रैल 2016 से अक्टूबर 2016 तक
IPS अभिनव कुमार के अनुसार ITBP के बेहद महत्वपूर्ण और संवेदनशील लद्दाख सेक्टर के DIG के रूप में उन्होंने कार्यभार संभाला.उन्होंने चार बटालियनों की देखभाल करते हुए उत्तरी और मध्य लद्दाख में भारत-चीन सीमा पर लगभग 450 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा की रक्षा का दायित्व निभाया.
नवंबर 2016 से अगस्त 2018 तक
अभिनव कुमार द्वारा मुख्यालय एसडीजी (पश्चिमी कमान बीएसएफ, चंडीगढ़) में आईजी (संचालन और सीमा प्रबंधन) का कार्यभार संभाला,पश्चिमी कमान के तहत आईएसजी की अध्यक्षता में 05 फ्रंटियर और 05 प्रशिक्षण संस्थान हैं. कमांड मुख्यालय का एओआर कश्मीर से गुजरात तक पड़ता है.
सितंबर 2018 से अक्टूबर 2019
पश्चिमी कमान के अंतर्गत बीएसएफ कश्मीर फ्रंटियर के महानिरीक्षक का कार्यभार संभाला. आईजी कश्मीर के रूप में उनकी कमान के तहत 14 बटालियन और 04 सेक्टर मुख्यालय के माध्यम से घाटी में सेवा की.. पुलवामा और बालाकोट. औरआम चुनाव 2019 और अमरनाथ यात्रा 2019 के लिए व्यवस्थाओं का पर्यवेक्षण किया.इसके साथ ही एकीकृत कमान का हिस्सा था जिसने 370 को निरस्त करने और जम्मू-कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने की निगरानी की.
जनवरी 2020 से जून 2020 तक
आईपीएस अभिनव कुमार ने जनवरी 2020 से जून 2020 तक पुलिस मुख्यालय देहरादून में स्थित आईजी प्रोविजनिंग एवं आधुनिकीकरण,उत्तराखंड पुलिस के रूप में कार्यभार ग्रहण किया.
जुलाई 2020 से 18 दिसंबर 2020 तकAssumed charge as IG Garwal Range, Uttarakhand Police Dehradun.
18 दिसंबर 2020 से 31 दिसंबर 2020 तक पुलिस मुख्यालय देहरादून स्थित प्रभारी एडीजी प्रशासन, उत्तराखंड पुलिस के रूप में कार्यभार ग्रहण किया.जबकि जनवरी 2021 से 26 जुलाई 2023 तक पुलिस मुख्यालय देहरादून में एडीजी प्रशासन, उत्तराखंड पुलिस का पदभार ग्रहण किया.
09 जुलाई 2021 से 20 अप्रैल 2022 तक
आईपीएस अभिनव कुमार द्वारा 09 जुलाई से 20 अप्रैल 2022 तक उत्तराखंड मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रमुख सचिव के रूप में अतिरिक्त कार्यभार संभाला. जबकि 21 अप्रैल 2022 से मार्च 2023 तक विशेष प्रमुख सचिव, सूचना, उत्तराखंड का अतिरिक्त कार्यभार ग्रहण किया गया
21 अप्रैल 2022 से अब तक
विशेष प्रमुख सचिव, युवा कल्याण एवं खेल, उत्तराखंड का अतिरिक्त कार्यभार ग्रहण किया गया.21 अप्रैल 2022 से ही अब तक मुख्यमंत्री, उत्तराखंड के विशेष प्रमुख सचिव के रूप में अतिरिक्त कार्यभार संभाला..जबकि 27 जुलाई 2023 से अब तक अभिसूचना/सुरक्षा पर आधारित उत्तराखंड पुलिस में एडीजी अभिसूचना/सुरक्षा के रूप में कार्यभार ग्रहण किया..