चेन्नई: तमिलनाडु में एक सरकारी अधिकारी से 20 लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) अफसर अंकित तिवारी के मामले में अब नए-नए खुलासे हो रहे हैं. अब इस अधिकारी की जो कहानी सामने आई है वो हैरान करने वाली है. दरअसल ईडी अधिकारी अंकित ने 3 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी थी जिसके बाद 51 लाख रुपये में डील फाइनल हुई थी. इस डील के तहत जब वो रिश्वत की 20 लाख रुपये की दूसरी किस्त ले रहे थे उसी दौरान उन्हें रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया गया.
बता दें कि 29 अक्टूबर को, ईडी अधिकारी अंकित तिवारी ने कथित तौर पर एक बंद डीवीएसी मामले के संबंध में डिंडीगुल के एक सरकारी अधिकारी से संपर्क किया. अंकित तिवारी ने कथित तौर पर सरकारी अधिकारी को बताया कि पीएमओ ने ईडी से मामले की जांच करने के लिए कहा है और उन्हें जांच के लिए 30 अक्टूबर को मदुरै में ईडी कार्यालय में उपस्थित होना होगा.
मांगी गई थी 3 करोड़ की रिश्वत
जब सरकारी अधिकारी मदुरै गया, तो अंकित कथित तौर पर उसकी कार में आया और मामले को बंद करने के लिए 3 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी. बाद में, उन्होंने दावा किया कि उन्होंने अपने वरिष्ठ अधिकारियों से बात की और 51 लाख रुपये में ये डील फाइनल की गई. 1 नवंबर को सरकारी कर्मचारी ने कथित तौर पर ईडी अधिकारी को 20 लाख रुपये की पहली किस्त दी थी. बाद में, अंकित ने सरकारी कर्मचारी से पूरी राशि का भुगतान करने के लिए कहा और उसे बताया कि ‘पूरी रकम दो ऊपर तक बांटना है.’ ऐसा न करने पर उसने व्हाट्सएप और टेक्स्ट मैसेज के माध्यम से सरकारी कर्मचारी को गंभीर कार्रवाई की भी धमकी दी. अंकित की गतिविधियों पर संदेह बढ़ने के बाद, सरकारी अधिकारी ने 30 नवंबर को डीवीएसी की डिंडीगुल इकाई में शिकायत दर्ज की.
20 लाख रुपये की दूसरी किस्त लेते हुए गिरफ्तार
अब उनकी गिरफ्तारी के बाद पता चला है कि अंकित ने अपनी शक्तियों का दुरुपयोग किया. डीवीएसी ने उसके खिलाफ मामला दर्ज किया था और उन्हें 20 लाख रुपये की रिश्वत की दूसरी किस्त लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया गया. बता दें कि आरोपी अफसर को पुलिस ने 8 किलोमीटर तक पीछा करने के बाद गिरफ्तार किया था.
साभार – आज तक