देहरादून: समान नागरिक संहिता, सख्त नकलरोधी कानून, जबरन मतातंरण रोकने को कड़े प्रविधान जैसे निणयों से देशभर में चर्चा में आए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का चुनावों में भाजपा भरपूर उपयोग कर रही है। मध्य प्रदेश, राजस्थान व छत्तीसगढ़ जैसे बड़े राज्यों के विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिली जीत में निर्विवाद रूप से मोदी फैक्टर प्रमुख कारण रहा है। प्रधानमंत्री मोदी और पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भी चुनाव प्रचार की कमान सौंपी। मध्य प्रदेश और राजस्थान में यह जिम्मेदारी निभाने वाले मुख्यमंत्री धामी का इस मामले में स्ट्राइक रेट शत-प्रतिशत रहा। उन्होंने दोनों राज्यों में नौ विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव प्रचार किया और इन सभी में भाजपा प्रत्याशियों को जीत मिली।
जनहित कार्यों से बढ़ा धामी का कद
जनहित से जुड़े कार्यों और साहसिक निर्णयों से मुख्यमंत्री धामी का कद भी बढ़ा है। इसे देखते हुए भाजपा उन्हें चुनाव प्रचार में मोर्चे पर भी उतारती आई है। राजस्थान और मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनावों में उन्हें चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी सौंपी गई।
उन्होंने वहां एक के बाद एक सभाओं को तो संबोधित किया ही, रोड शो में भी शामिल हुए। राजस्थान में सांगानेर, झोटवाड़ा, विराटनगर, सांगोद, रामगंज मंडी व डग विधानसभा क्षेत्रों में उन्होंने सभी वर्गों से संवाद किया। इनमें भाजपा प्रत्याशियों को विजय प्राप्त हुई।
इसी प्रकार मध्य प्रदेश में इंदौर-दो, खुरई व सागर विधानसभा क्षेत्रों में भी मुख्यमंत्री धामी को चुनाव प्रचार के लिए मोर्चे पर उतारा गया। ये तीनों विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं, जहां उत्तराखंड मूल के निवासियों की अच्छी-खासी संख्या है। यहां भी भाजपा को जीत हासिल हुई।