देहरादून/दिल्ली: उत्तराखंड के डीजीपी, एनएसए अजित डोभाल से मिले हैं. डीजीपी अभिनव कुमार की नेशनल सिक्योरिटी एडवाजर से ये मुलाकात हालांकि शिष्टाचार मुलाकात बताई जा रही है, लेकिन इसके गहरे मायने हैं. बताया जा रहा है कि नव नियुक्त डीजीपी ने एनएसए को राज्य की आंतरिक सुरक्षा स्थिति के बारे में जानकारी दी. इसके साथ ही उत्तराखंड पुलिस के सामने आने वाली महत्वपूर्ण चुनौतियों पर उनका मार्गदर्शन प्राप्त किया.
दरअसल भारत का उत्तराखंड राज्य सामरिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण है. राज्य की भौगोलिक सीमा पूर्व में नेपाल से लगती है. उत्तर में उत्तराखंड की सीमा चीन के कब्जे वाले तिब्बत से लगती है. चीन अक्सर हमारे देश की उससे लगती सीमाओं पर भड़काने वाली कार्रवाई करता रहता है. इसलिए चीन से लगती सीमाओं को लेकर भारत सरकार भी संवेदनशील रहती है.
Abhinav Kumar DGP Uttarakhand paid a courtesy visit to NSA Ajit Doval in Delhi, yesterday.
The newly appointed DGP briefed the NSA about the internal security situation in the state and received his guidance on important challenges facing Uttarakhand Police. pic.twitter.com/tP0CJHmUmf
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) December 13, 2023
उत्तराखंड में हैं महत्वपूर्ण सैन्य संस्थान
उत्तराखंड में देश के अत्यंत महत्वपूर्ण सैन्य संस्थान स्थित हैं. देहरादून में इंडियन मिलिट्री अकादमी यानी आएएमए स्थित है. इसके साथ ही लैंसडाउन में सेना की गढ़वाल रेजिमेंट का मुख्यालय है. सेना की ही कुमाऊं रेजिमेंट उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के रानीखेत में स्थित हैं. इन सैन्य संस्थानों की सुरक्षा को लेकर हमेशा सतर्कता की जरूरत होती है.
ये महत्वपूर्ण संस्थान में भी उत्तराखंड में हैं
इसके साथ ही उत्तराखंड में एफआरआई यानी फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट बी देहरादून में स्थित है. आईआईटी रुड़की हरिद्वार जिले के रुड़की में स्थित है. राष्ट्रीय महत्व के संस्थान होने के कारण इनकी सुरक्षा पहली प्राथमिकता रहती है. इसके साथ ही उत्तराखंड में चारधाम के मंदिर गंगोत्री, यमुनोत्री, बदरीनाथ और केदारनाथ भी स्थित हैं. एशिया का सबसे ऊंचा जल विद्युत परियोजना का टिहरी बांध भी उत्तराखंड में स्थित है.
एनएसए के कंधों पर देश की सुरक्षा की जिम्मेदारी
अजित डोभाल देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हैं. ऐसे में उनके कंधों पर पूरे देश और देश में स्थित महत्वपूर्ण संस्थानों की सुरक्षा की जिम्मेदारी होती है. इसी कारण राज्यों के पुलिस प्रमुखों को उनको सुरक्षा से संबंधित हर बात साझा करनी होती है.