आगरा: उत्तर प्रदेश के आगरा में पति की प्रताड़ना से तंग आकर पत्नी प्रीति ने करंट लगाकर पति नीरज की हत्या कर दी। पुलिस पूछताछ में उसने बताया कि पति की हत्या का उसे कोई अफसोस नहीं है। पति ने जिंदगी नरक कर दी थी। कई वर्षों से सह रही थी। रात में फिर पति ने पिटाई की थी। इस पर रात में हाथ-पैर बांधने के बाद करंट लगा दिया। अब बच्चों का क्या होगा, वह नहीं जानती। मगर, पति को नहीं मारती तो वो उसे एक न एक दिन मार डालता।
सदर थाना प्रभारी निरीक्षक प्रदीप कुमार के मुताबिक, प्रीति ने बताया कि पति वेंडर था। देर रात तक घर नहीं आता था। फोन पर पूछती थी तो गाली देने लगता था। शराब पीने से मना करने पर बेरहमी से पीटता था। रविवार रात आधी रात बाद घर आया। बेटियां सो रही थीं। बस उसने पूछ लिया कि शराब क्यों पीकर आए हो तो पीटने लगा।
इसके बाद चारपाई पर सो गया। गुस्से में उसने पति के हाथ-पैर बांध दिए। पति के दोनों पैरों में बिजली के तार बांध दिए। इसके बाद प्लग स्विच में लगाकर करंट चालू कर दिया। 10 मिनट बाद तार हटाया तो पति मर चुका था। कमरे में ही बैठी रही, रात भर सो न सकी। बच्चों के जागने पर पुलिस चौकी पहुंच गई।
पुलिस आई तो पड़ोसियों को पता चला
जिस मकान में नीरज रहता था, वह तीन मंजिला है। कई परिवार किराये पर रहते हैं। दंपती में रोजाना मारपीट होती थी। इसलिए किसी ने चीख-पुकार पर भी ध्यान नहीं दिया। सोमवार सुबह जब पुलिस पहुंची तब लोगों को वारदात का पता चला। किरायेदारों ने पुलिस को बताया कि प्रीति कमरे के गेट पर ताला लगाकर निकली थी। उसने राम-राम भी की थी। मगर, तब यह नहीं लगा कि घर में कुछ हुआ है। पुलिस के आने पर ही जानकारी हुई।
अब बेटियों का क्या होगा?
सूचना पर नीरज और प्रीति के परिजन आ गए। दोनों के परिजन ने कहा कि पति-पत्नी के बीच झगड़े तो होते रहते थे, लेकिन ऐसा भी हो जाएगा, यह किसी ने सोचा नहीं था। अब नीरज की दोनों बेटियों का क्या होगा? इसी चिंता में परिजन थे। एक बेटी पांच साल से बड़ी है, जबकि दूसरी छोटी है।
शराब पीने के विरोध पर पत्नी का गला काट चुका है पति
शहर में पति-पत्नी के झगड़े रोजाना थाने पहुंचते हैं। पूर्व में एत्माद्दौला क्षेत्र में पति ने पत्नी की हत्या की थी। पत्नी शराब पीने का विरोध करती थी। इसको लेकर रोजाना झगड़े होते थे। पति ने गुस्से में सोते हुए पत्नी का गला काटकर सिर धड़ से अलग कर दिया था। इसके बाद सिर को एक डिब्बे में रखकर हरीपर्वत चौराहे पर ले आया था। लोगों को दिखाना चाहता था। मगर, पकड़ लिया गया।
व्यक्ति ही नहीं, संबंध भी होते हैं बीमार
मानसिक स्वास्थ्य संस्थान के निदेशक डॉ. दिनेश राठौर ने बताया कि पति-पत्नी संबंध में एक साथ जीवन व्यतीत करते हैं। मगर, कई बार संवाद की कमी, एकल परिवार, शुभचिंतकों की कमी से ये संबंध खराब होने लगते हैं। पहले मत भिन्नता होती है। बाद में मन भिन्नता होने लगती है। संबंध बीमार होने से तनाव बढ़ता है। मगर, सामाजिक बुराई समझे जाने की वजह से न चाहते हुए भी दोनों को साथ रहना पड़ता है।
ऐसे में कई बार अलग होने के बजाय गैरकानूनी कदम उठा बैठते हैं। ऐसे लोगों को काउंसलिंग करानी चाहिए। मानसिक स्वास्थ्य संस्थान में साइको सोशल ओपीडी चलती है। इसमें संबंधों में आने वाली समस्याओं पर काम किया जाता है। बीमार व्यक्ति का ही नहीं, बीमार संबंध का भी इलाज होता है।