देहरादून: उत्तराखंड में धामी सरकार ने पिछले दिनों 11 दायित्वधारियों की सूची जारी की. अब इन दायित्वधारियों की सुविधाओं में भी बढ़ोतरी का फैसला धामी सरकार ने लिया है. सरकार की तरफ से दायित्वधारियों को 45000 रुपए का मानदेय देने का निर्णय लिया गया है. दूसरी तरफ सरकारी वाहन न लेने और टैक्सी का उपयोग करने की स्थिति में अब इन दर्जा प्राप्त मंत्रियों को पहले से ज्यादा बजट दिए जाने का निर्णय लिया गया है.
इसके लिए अब तक दायित्वधारी को ₹60000 प्रति माह दिए जाने का प्रावधान था. जिसे अब बढ़ाते हुए 80000 रुपए प्रति माह कर दिया गया है. हालांकि, स्वयं का वाहन प्रयोग करने की स्थिति में ₹40000 प्रति माह दिए जाने का ही प्रावधान रहेगा.
इसके अलावा सरकारी आवास या कार्यालय उपलब्ध न होने की स्थिति में ₹25000 प्रति माह दिए जाने का प्रावधान किया गया है. शासकीय आवास प्राप्त होने की दशा में कार्यालय भत्ते के रूप में ₹10000 प्रति माह दिए जाएंगे. इसी तरह शासकीय कार्यालय प्राप्त होने की दशा में शासकीय आवास भत्ते के रूप में ₹15000 प्रति माह दिए जाएंगे.
टेलीफोन और मोबाइल की सुविधा के लिए एक मुश्त ₹2000 प्रति माह दिए जाएंगे. इसके अलावा स्टाफ के रूप में ₹15000 मासिक और फोर्थ क्लास के लिए ₹12000 मासिक भी दिए जाएंगे.दायित्वधारी को रेलवे से लेकर हवाई यात्रा के लिए भी विशेष व्यवस्था की गई है. इसमें अधिकतर सुविधा पहले से ही थी, लेकिन, मानदेय और टैक्सी किराए के रूप में पैसा बढ़ाकर दायित्वधारियों को खुश किया गया है.
बता दें उत्तराखंड में धामी सरकार के दौरान अब तक दो दायित्वधारी की सूची जारी हो चुकी है. पहली सूची में 10 भाजपा के नेताओं को दर्जाधारी के रूप में सरकार में जिम्मेदारी दी. दूसरी सूची में 11 नेताओं को सरकार ने सौगात दी. इस तरह देखा जाए तो फिलहाल प्रदेश में 21 दायित्व धारी मौजूद हैं.
राज्य सरकार द्वारा जो दूसरी सूची जारी की गई उसमें 11 जिन नेताओं को शामिल किया गया, उनमें चंडी प्रसाद भट्ट, विनोद उनियाल, श्यामवीर सैनी, देवेंद्र भसीन, गणेश भंडारी उत्तम दत्ता, दिनेश आर्य, विश्वास डाबर, विनय रोहिला और दीपक मेहरा का नाम शामिल हैं. इससे पहले जिन 10 पार्टी के नेताओं को दर्जाधारी बनाया गया उसमें ज्योति प्रसाद गैरोला, मधु भट्ट, सुरेश भट्ट, बलराज पासी, नारायण राम टम्टा, शिव सिंह बिष्ट, कैलाश पंत, अनिल डब्ब, और रमेश गढ़िया का नाम शामिल हैं.
इसके अलावा राज्य में पहले ही तमाम आयोग में पार्टी के नेताओं को एडजस्ट किया गया है. इनकी संख्या भी करीब 10 के आसपास है. इस तरह देखा जाए तो धामी सरकार में इस समय करीब 31 दर्जाधारी तमाम जिम्मेदारियां पर बैठे हुए हैं. ऐसे में प्रत्येक दर्जाधारी को 45000 रुपए के लिहाज से आंकड़ा जोड़ लिया जाए तो मानदेय में ही हर महीने करीब 14 लाख का बोझ राज्य पर पड़ रहा है. इसके अलावा अगर वे टैक्सी का इस्तेमाल करते हैं तो टैक्सी के खर्चे में ही करीब 25 लाख रुपए महीना का खर्च राज्य को वहन करना होगा. इन सभी को इनको मिलने वाले स्टाफ और कार्यालय के साथ ही फोन के खर्चे का बजट राज्य को अलग से वहन करना होगा..