देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को नव वर्ष के अवसर पर नेताजी सुभाष चन्द्र बोस आवासीय छात्रावास कौलागढ़ के भवन का लोकार्पण किया। इस भवन का शिलान्यास पिछले वर्ष मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ही किया था। 04 करोड़ 09 लाख 40 हजार रूपये की लागत से बना यह भवन एक साल से कम समय में बनकर तैयार हुआ। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर इस छात्रावास के बच्चों को गणवेश पहनाये और कंबल भी प्रदान किये। मुख्यमंत्री ने आवासीय छात्रावास का अवलोकन भी किया और बच्चों को छात्रावास में दी जा रही सुविधाओं का जायजा भी लिया।
मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को पहले ही निर्देश दिये गये थे कि छात्रावासों में बच्चों को बेहतर गुणवत्ता के संसाधन उपलब्ध कराये जाएं। छात्रावास की बेहतर व्यवस्थाओं पर उन्होंने संतोष प्रकट किया। इस छात्रावास में 100 बच्चों के लिए आवासीय व्यवस्थाएं की गई है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर घोषणा की कि कमजोर, अपवंचित एवं साधन विहीन वर्ग की बेटियों की शिक्षा के लिए बनाये गये कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में खोले गये छात्रावासों एवं नेताजी सुभाषचन्द्र बोस छात्रावास के निकटवर्ती 11 विद्यालयों का इंटर स्तर पर उच्चीकरण भी किया जायेगा। इस अवसर पर उन्होंने बोर्ड परीक्षाओं में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली बालिकाओं को सम्मानित भी किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नये वर्ष की शुरूआत में बच्चों के बीच आकर उन्हें सुखद अनुभव हुआ है। पिछले वर्ष 02 जनवरी 2023 को इसी विद्यालय के परिसर से मुख्यमंत्री द्वारा राजकीय बालिका इण्टर कालेज कौलागढ़ के मुख्य भवन एवं नेताजी सुभाष चन्द्र बोस छात्रावास झड़ीपानी का लोकार्पण और नेताजी सुभाष चन्द्र बोस छात्रावास कौलागढ़ का भी शिलान्यास किया गया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस छात्रावास भवन का नाम नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नाम पर है। उनके जीवन से हमें ऊर्जा, परिश्रम और संकल्प से ही महान कार्य करने की सीख मिलती है। राज्य में कमजोर, पिछड़े, अनाथ एवं संसाधन विहीन बच्चों की शिक्षा व्यवस्था के लिए इस प्रकार के 13 छात्रावास संचालित हैं, जिनमें 1000 बच्चों के लिए निःशुल्क व्यवस्थाएँ की गयी है। बालिकाओं के लिए 40 कस्तूरबा गाँधी आवासीय बालिका छात्रावास अलग से संचालित किये जा रहे हैं, जिसमें सभी सुविधाएँ निःशुल्क दी जा रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कस्तूरबा गाँधी आवासीय बालिका छात्रावासों में रह रही बालिकाओं द्वारा बोर्ड परीक्षाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया जा रहा है। उन्होंने इसके लिये बालिकाओं के शिक्षकों, छात्रावास की वार्डन एवं इस कार्य से जुड़े सभी अधिकारियों के प्रयासों की सराहना की है। साधनविहीन एवं कमजोर पृष्ठभूमि की इन बालिकाओं के द्वारा श्रेष्ठ प्रदर्शन करना इस बात का द्योतक है कि हमारी बालिकाओं में प्रतिभा की कमी नहीं है, आवश्यकता है तो केवल इन्हें समुचित अवसर तथा सही मार्गदर्शन देने की। उन्होंने कहा कि शिक्षा हमें उच्च विचार, उच्च आचार, उच्च संस्कार और उच्च व्यवहार के साथ ही समाज की समस्याओं का उचित समाधान भी उपलब्ध कराती है। बेटियों को बेहतर शिक्षा प्रदान कराना राज्य सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं में है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का जो नारा दिया है उस नारे को हमें सार्थक करना है। उन्होंने कहा कि आजादी के अमृतकाल में हमारे इन बच्चों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। शिक्षा से ही कोई समाज समृद्धशाली और शक्तिशाली बन सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश का मुख्य सेवक होने के नाते उनकी कोशिश है कि राज्य के हर बच्चे को शिक्षा के बेहतर अवसर उपलब्ध करा सकें। उन्होंने छात्र-छात्राओं से कहा कि उन्हें जो मन से अच्छा लगे वो कैरियर चुनें, क्योंकि बिना रुचि के आप कोई सफल काम नहीं कर सकते। अपनी रुचि के अनुसार हम आगे बढ़ते हैं तो जीवन में सफलता अवश्य मिलेगी। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति से जहां एक ओर स्कूली शिक्षा और उच्च शिक्षा को नए आयाम प्राप्त होंगे, वहीं इससे सभी वर्ग के लोगों को समानता के आधार पर शिक्षा प्राप्त करने के अवसर भी प्राप्त होंगे। उत्तराखंड देश का प्रथम राज्य है जिसने स्कूली शिक्षा में नई शिक्षा नीति को लागू किया है।
इस अवसर पर विधायक श्रीमती सविता कपूर शिक्षा महानिदेशक एवं राज्य परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा बंशीधर तिवारी और शिक्षा विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।