लखनऊ : मैनपुरी उपचुनाव के लिए पूरा यादव कुनबा एकजुट नजर आ रहा है. प्रसपा प्रमुख शिवपाल सिंह यादव फिर से परिवार के साथ बहू डिंपल यादव के लिए वोट मांग रहे हैं. इसी बीच अब शिवपाल यादव पर रिवरफ्रंट घोटाले में एक्शन की तैयारी शुरू हो गई है. सूत्रों के अनुसार सीबीआई जल्द अपनी पड़ताल शुरू करेगी. रिवरफ्रंट घोटाला मामले में सीबीआई ने अपनी पड़ताल शुरू की है. इस मामले में दो तत्कालीन आला अफसरों की भूमिका की पड़ताल प्रारंभ हो सकती है. साथ ही तत्कालीन सिंचाई मंत्री शिवपाल यादव की भूमिका की सीबीआई जांच कर सकती है. रिवरफ्रंट घोटाले में सीबीआई ने पूछताछ की अनुमति भी मांगी है. शासन ने निर्णय लेने के लिए सिंचाई विभाग से संबंधित रिकॉर्ड को तलब किया है.
रिवरफ्रंट मामले में शिवपाल यादव से पूछताछ की बात सामने आने पर बीजेपी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी का बयान आया है. उन्होंने कहा, “मैनपुरी में परेशान समाजवादी पार्टी हर मुद्दे को राजनीतिक रंग देने का प्रयास कर रही है. रिवरफ्रंट घोटाले की सीबीआई जांच बीजेपी के संकल्प पत्र का हिस्सा है.”
घटाई गई सुरक्षा
इससे पहले सोमवार को शिवपाल यादव की सुरक्षा घटाई गई थी. सुरक्षा में कटौती के बाद अब जेड श्रेणी के जगह उन्हें वाई श्रेणी की सुरक्षा दी गई है. राज्य स्तरीय सुरक्षा समिति की बैठक में शिवपाल सिंह यादव के सुरक्षा को लेकर फैसला लिया गया है. दरअसल, शिवपाल यादव को ये सुरक्षा योगी सराकर की मेहरबानी में साल 2018 में मिली थी. तब पहले उन्हें कैंप कार्यालय के लिए बड़ा बंगला दिया गया था और फिर अक्टूबर महीने में उन्हें Z सिक्योरिटी दे दी गई थी. जिसके बाद से प्रसपा प्रमुख लगातार जेड सिक्योरिटी के साथ ही चल रहे थे.
बता दें कि शिवपाल यादव की सुरक्षा घटाए जाने पर पहले अखिलेश यादव ने बीजेपी को निशाने पर लिया, जिसके बाद डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने पलटवार किया है.