उत्‍तराखंड सरकार का मतांतरण पर शिकंजा, संतों ने किया फैसले का स्‍वागत

खबर उत्तराखंड

हरिद्वार: पुष्कर सिंह धामी सरकार ने उत्‍तराखंड में मतांतरण पर शिकंजा कसते हुए कानून को अब और कठोर बना दिया है। उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक बुधवार को सदन में विपक्ष की उपस्थिति में ही बहुमत से पारित हो गया। इस अवसर पर सदन में प्रमुख प्रतिपक्षी दल कांग्रेस के विधायक भी उपस्थित रहे। यद्यपि उन्होंने इस विधेयक का समर्थन नहीं किया।

मतांतरण को लेकर कानून और सख्त

  • विधेयक पारित होने के साथ प्रदेश में मतांतरण को लेकर कानून और सख्त कर दिया गया है।
  • कानून का उल्लंघन करने पर सजा और कारावास, दोनों में वृद्धि की गई है।
  • सामूहिक मतांतरण के मामलों में सजा का प्रविधान 10 साल तक करने के साथ ही अधिकतम जुर्माना राशि 50 हजार रुपये की गई है।
  • मतांतरण के पीडि़त को आरोपित से पांच लाख रुपये तक का समुचित प्रतिकर भी न्यायालय दिला सकेगा।

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद निरंजनी ने समर्थन किया

उत्तराखंड में मतांतरण रोकने के लिए कड़े कानून बनाने संबंधी राज्य सरकार के फैसले का अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद निरंजनी ने समर्थन किया है।

अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष निरंजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रवींद्र पुरी महाराज ने उत्तराखंड सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को इसके लिए साधुवाद दिया है, साथ ही उन्होंने अन्य राज्य सरकारों से भी ऐसे ही कदम उठाने की मांग की है।

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