देहरादून: उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) की ड्राफ्ट रिपोर्ट अब मई 2023 तक आएगी। शासन ने विशेषज्ञ समिति का कार्यकाल छह माह के लिए बढ़ा दिया है। राज्य में यूसीसी लागू करने के लिए अब तक सवा दो लाख से अधिक सुझाव पहुंचे हैं, लेकिन समिति अभी क्षेत्र में जाकर जन संवाद का अभियान पूरा नहीं कर पाई है। उसे 16 दिसंबर को श्रीनगर गढ़वाल और 20 दिसंबर को देहरादून में जन संवाद करना है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 27 मई 2022 को राज्य में समान नगारिक संहिता के परीक्षण एवं क्रियान्वयन के लिए जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई (सेनि.) की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया था। माना जा रहा था कि समिति छह महीने में अपनी रिपोर्ट दे देगी। लेकिन समिति को रिपोर्ट के लिए जनता के सुझाव जुटाने में समय लग रहा है। समिति ने ऑनलाइन सुझाव प्राप्त करने के लिए एक वेबसाइट भी तैयार की। समिति के पास अब तक 2.25 लाख सुझाव पहुंच चुके हैं।
समिति 30 से अधिक स्थानों पर जाकर लोगों से चर्चा कर चुकी है और उनसे सुझाव प्राप्त कर चुकी है। सुझाव लेने का काम बेशक अंतिम दौर में है, लेकिन अभी उसे इन सभी सुझावों का अध्ययन कर इनके आधार पर ड्राफ्ट रिपोर्ट तैयार करनी है। इसलिए समिति की ओर से कार्यकाल छह महीने बढ़ाने का प्रस्ताव आया। अपर मुख्य सचिव (गृह) राधा रतूड़ी ने समिति का कार्यकाल अगले छह महीने के लिए 27 मई तक बढ़ाने का आदेश जारी कर दिया।
शासन से विशेषज्ञ समिति ने मांगा स्टॉफ
ड्राफ्ट रिपोर्ट तैयार करने के लिए समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए गठित विशेषज्ञ समिति ने शासन से स्टॉफ की मांग की है। शासन से तीन कानूनी मामलों के जानकार लॉ इंटर्न और 10 कर्मचारी मांगे हैं। सूत्रों के मुताबिक, ये स्टॉफ आउटसोर्स होगा।
शासन ने विशेषज्ञ समिति का कार्यकाल छह महीने बढ़ा दिया है। समिति को अभी दो और स्थानों पर जाकर जनता से सुझाव प्राप्त करने हैं। इसके बाद सभी सुझावों को पढ़कर उनकी रिपोर्ट बनाने का फुल टाइम काम शुरू होगा।
– शत्रुघ्न सिंह, सदस्य, विशेषज्ञ समिति