महिला सांसद को मारा थप्पड़, सेनेगल की पार्लियामेंट में हाथापाई; कुर्सियां भी चलीं, देखें वीडियो

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न्यूज़ डेस्क: अफ्रीकी देश सेनेगल की संसद में महिला सांसद को थप्पड़ मारने पर विवाद हुआ। घटना 2 दिसंबर की है। एक सांसद ने महिला सांसद को थप्पड़ मार दिया। इसके बाद गुस्साई महिला मंत्री ने उन पर कुर्सी फेंक दी। इसके बाद दोनों सांसदों में मारपीट हो गई।

अब जानिए संसद में हंगामे की वजह…

संसद में बजट सेशन चल रहा था। कार्यवाही के दौरान रूलिंग पार्टी बेन्नो बोक्क याकार (BBY) की महिला सांसद एमी नदिये गनीबी ने राष्ट्रपति मैकी सॉल के तीसरे कार्यकाल का विरोध करने वाले एक आध्यात्मिक नेता की आलोचना कर दी। विपक्षी पार्टी के सांसद मस्साता साम्ब को ये बात पसंद नहीं आई। वो अपनी जगह से उठे और गनीबी को थप्पड़ मार दिया।

आध्यात्मिक नेता की आलोचना को लेकर सांसद मस्साता साम्ब ने कहा- एक सांसद ने स्पिरिचुअल लीडर की इंसल्ट की है। ये गलत है। इस बात को महिला सांसद ने गंभीरता से नहीं लिया। उन्होंने तंज मारते हुए इसे टाल दिया। ये साम्ब को पसंद नहीं आया और उन्होंने महिला को थप्पड़ मार दिया।

https://twitter.com/danielmarven/status/1598632121802797057?s=20&t=BMcMO_nCTYHwLOassHsIqg

अमेरिकी संसद की स्पीकर ने फाड़ी थी ट्रंप की स्पीच

ये पहली बार नहीं है जब किसी देश की संसद में हंगामा हुआ हो। अमेरिकी संसद की स्पीकर नैंसी पेलोसी ने 2020 में कार्यवाही के दौरान तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की स्पीच फाड़ दी थी। द गार्डियन की रिपोर्ट के मुताबिक, पेलोसी ने ट्रम्प की स्पीच को ‘अविश्वास का घोषणापत्र’ बताया था। डोनाल्ड ट्रंप ने इन सब विवादों के चलते पेलोसी को “क्रेजी नैंसी” भी कहा था।

घाना की संसद में हुई थी जूतम पैजार

घाना की संसद में एक बिल पर बहस के दौरान सरकार और विपक्ष के बीच विवाद इतना ज्यादा बढ़ गया कि जम कर लात-घूंसे चले। इस जूतम-पैजार का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। जब सांसदों के बीच हाथापाई नहीं रुकी तो सिक्योरिटी में तैनात मार्शलों ने बीच में आकर हालात संभालने की कोशिश की। कुछ सांसदों ने भी बीच बचाव करने की कोशिश की थी।

अमेरिकी संसद में हिंसा, ट्रम्प बैठकर देख रहे थे

अमेरिका में 2020 में हुए राष्ट्रपति चुनाव में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की हार हुई थी। इसके बाद 6 जनवरी 2021 को कैपिटल हिल (अमेरिकी संसद) पर उनके समर्थकों के हमला कर दिया था। इसे 2020 के राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों को पलटने की कोशिश माना गया था। ट्रम्प इस पूरी हिंसा में मूकदर्शक बने बैठे रहे।

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