देहरादून: पहाड़ों की रानी मसूरी में एशियाई देशों के ज्योतिषाचार्यों का तीन दिवसीय एशियन एस्ट्रो मीट शुक्रवार से शुरू हो गया। एस्ट्रो मीट में ज्योतिषाचार्यों ने ज्योतिष की विभिन्न विधाओं पर मंथन के साथ ही भ्रांतियों को दूर करने का प्रयास किया।
फरीदाबाद ज्योतिष संघ की ओर से गांधी चौक मोतीलाल नेहरू मार्ग स्थित एक होटल में आयोजित एशियन एस्ट्रो मीट 2022 का उद्घाटन मुख्य पुजारी पंडित कैलाश रतूड़ी ने हवन-पूजन के साथ किया। एस्ट्रो मीट में भारत सहित नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका के सौ से अधिक ज्योतिषाचार्य शिरकत कर रहे हैं। संघ के संस्थापक अध्यक्ष आचार्य गिरधारी ग्रोवर ने कहा कि मनुष्य के जीवन में ज्योतिष और ग्रहों का प्रभाव रहता है, इसको कोई नकार नहीं सकता। उन्होंने बताया कि मीट में वैदिक ज्योतिष, लाल किताब, वास्तु, कर्मकांड, नाड़ी और तंत्र विद्या क्षेत्र के ज्योतिषाचार्य शिरकत अपने अनुभव साझा करने के साथ ही ज्योतिष को लेकर समाज में फैली भ्रांतियों को दूर करने का प्रयास करेंगे।
‘शनि, राहु, केतु से ही चलता है जगत’
संघ अध्यक्ष सुनील सचदेवा ने कहा कि ज्योतिष जगत में कहा जाता है कि शनि, राहु, केतु पापी ग्रह हैं, लेकिन उनका अनुभव कहता है कि आज जगत शनि, राहु, केतु से ही चलता है, कहा शनि पापी ग्रह नहीं है, शनि के बिना कुछ हो नहीं सकता। उन्होंने कहा कि ज्योतिष मीट का समाज को जरूर मिलेगा।