उत्तराखंड के मदरसों मे विशेष सर्वेक्षण की जरूरत, यूपी में चिन्हित हुए हैं 10 लाख बांग्लादेशी घुसपैठिए – सीएम धामी

खबर उत्तराखंड

देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि राज्य में मदरसों के विशेष सर्वेक्षण को बढ़ावा देने की आवश्यकता है. हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि अवांछित तत्व राज्य में प्रवेश न करें. सीएम धामी ने कहा कि देवभूमि सुरक्षित बनी रहे यह सुनिश्चित करना पुलिस विभाग की जिम्मेदारी है.

यूपी में 10 लाख बांग्लादेशी घुसपैठिए

दरअसल उत्तर प्रदेश के कानपुर में बांग्लादेशी नागरिक डॉक्टर रिजवान और उसके परिवार की गिरफ्तारी के बाद यह सामने आ चुका है कि यूपी में बांग्लादेशी नागरिक फर्जी पहचान पत्र बनाकर राजनीतिक सरपरस्ती में रह रहे हैं. एक अनुमान के मुताबिक उत्तर प्रदेश में 10 लाख के करीब बांग्लादेशी फर्जी नागरिकता पहचान पत्र बनाकर रह रहे हैं यूपी पुलिस का अनुमान है कि राजधानी लखनऊ में ही 50 हजार से अधिक बांग्लादेशी नागरिक अलग-अलग झुग्गियों में रह कर कूड़ा बीनने, कबाड़ खरीदने व बेचने का काम करते हैं. पुलिस का दावा है कि ये सभी उनके रडार पर हैं.

यूपी ATS की जांच में सामने आ चुका है बांग्लादेशी गैंग का फर्जीवाड़ा

म्यामांर व बांग्लादेश (Myanmar and Bangladesh) से आने वाले रोहिंग्यों व बांग्लादेशियों को भारत लाकर फर्जी दस्तावेजों के आधार यूपी के अलग-अलग इलाकों में बसाया जाता है. यूपी एटीएस (UP ATS) ने बीते साल ऑपरेशन चला कर 40 से अधिक लोगों की गिरफ्तारी की थी. गिरफ्तार हुए लोगों में वो लोग थे जो झट से फर्जी दस्तावेज तैयार कर म्यामार से आए रोहिंग्यों व बांग्लादेशियों को भारत का नागरिक बना देते थे. गैंग पश्चिम बंगाल के रास्ते उन्हें भारत लाता है और फिर यूपी के कई शहरों में बसा देते थे. जांच में सामने आया था कि रोहिंग्यों व बांग्लादेशी नागरिकों के लिए 10 हजार रुपये लेकर वोटर आईडी, पासपोर्ट, राशन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस व आधार कार्ड बनाये जाते थे. यही नहीं अधिकतर रोहिंग्या खुद को हिन्दू बता कर दस्तावेज तैयार करवाते थे. इसके बाद ये लखनऊ समेत बड़े शहरों में बस्तियों में रह कर मजदूरी, कबाड़ या फिर कूड़े उठाने का काम करने लग जाते हैं.

मदरसों का सहारा लेकर देते हैं भारतीय संस्कृति की ट्रेनिंग

यूपी एटीएस (UP ATS) की जांच में सामने आया था कि भारत में रोहिंग्यों व बांग्लादेशी नागरिकों की घुसपैठ करवाने के लिए यहां पहले से ही मौजूद इनका गैंग व्हाट्सअप के जरिए बांग्लादेश से सूची मांगता है. इसमें जिन्हें भारत आकर यहां की पहचान लेकर विदेश जाना होता उनके लिए अलग रकम और जिन्हें भारत में रह कर मजदूरी करनी होती है, वो हिन्दू नाम से पहचान पत्र बनवा लेते थे. इसके बाद ये लोग पश्चिमी यूपी के कुछ मदरसों का सहारा लेकर उन्हें हिंदी बोलना व भारतीय संस्कृति सिखाते हैं. जब पूरी तरह वे पश्चिम बंगाल में रहने वाले लगने लगते हैं तो उन्हें अलग अलग जिलों में बसा दिया जाता है.

उत्तराखंड से लगी हैं यूपी के कई जिलों की सीमाएं

दरअसल पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों की सीमाएं उत्तराखंड से लगी हैं. इनमें मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, बिजनौर, मुरादाबाद, रामपुर और बरेली प्रमुख हैं. इन जिलों में सैकड़ों की संख्या में मदरसे हैं. यूपी एटीएस का दावा है कि देश की सुरक्षा के लिए घातक रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठिए मदरसों का सहारा लेकर भारतीय संस्कृति में घुल मिल जाते हैं. इसी परिप्रेक्ष्य में संभवतया उत्तराखंड के मदरसों का विशेष सर्वेक्षण बढ़ाने की जरूरत बताई गई है.

उत्तराखंड में चारधाम समेत अनेक धार्मिक स्थल हैं

उत्तराखंड में चारधाम गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ धाम हैं. इसके साथ ही यहां बड़ी संख्या में विभिन्न मठ और मंदिर हैं. हरिद्वार और ऋषिकेश जैसे विश्व प्रसिद्ध धार्मिक स्थल भी उत्तराखंड में ही हैं. इसके साथ ही टिहरी डैम, आईएमए देहरादून भी उत्तराखंड में है. रानीखेत में कुमाऊं रेजीमेंट का हेड ऑफिस है तो पौड़ी जिले के लैंसडाउन में गढ़वाल रेजीमेंट का मुख्यालय है. अवांछित तत्व राष्ट्रीय सुरक्षा और महत्व के इन संस्थानों के लिए खतरा हो सकते हैं. इसीलिए सीएम धामी ने कहा है कि हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि अवांछित तत्व राज्य में प्रवेश न करें. सीएम धामी ने कहा कि देवभूमि सुरक्षित बनी रहे यह सुनिश्चित करना पुलिस विभाग की जिम्मेदारी है.

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *