देहरादून : पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत वनंतरा रिसेप्शनिस्ट मामले में इंसाफ की मांग को लेकर सोमवार को धरने पर बैठे। उनका यह धरना एक दिवसीय है। इस दौरान हरीश रावत ने कहा कि वनंतरा प्रकरण में बेटी को न्याय मिलना चाहिए। कहा कि वनंतरा रिसार्ट में वीआइपी को लेकर राज्य सरकार के मंत्री का जो बयान आगे आया है, वह भविष्य में मुकदमे को प्रभावित कर सकता है।
हरीश रावत ने कहा कि वनंतरा रिसार्ट की रिसेप्शनिस्ट ने वाट्सएप चेटिंग में कहा है कि उस पर रिसार्ट में वीआइपी को स्पेशल सर्विस देने के लिए दबाव डाला जा रहा था। इस संबंध में वीआइपी की उपस्थिति गंभीर मामला है। वहीं इस दौरान हरीश रावत ने उत्तराखंड विधानसभा में हुई बैक डोर नियुक्तियों का मामले में भी सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि अगर ये नियुक्तियां अवैध है तो नियुक्ति पाने वाला दोषी नहीं है, बल्कि नियुक्ति देने और दिलवाने वाला दोषी है।
अंकिता भंडारी मर्डर केस में अंकिता के पिता की सीबीआई जांच की मांग को हाई कोर्ट ने खारिज करके एसआईटी जांच को सही ठहराया था जिसको लेकर अब राजनीतिक दलों ने विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है। इसके पहले कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने कोर्ट के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया था। वही भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान का कहना है की हर चीज पर राजनीति उचित नहीं है। अंकिता भंडारी पूरे देश की बेटी है वह कांग्रेस की बेटी नहीं बल्कि उत्तराखंड के हर नागरिक की बेटी है अगर हरीश रावत चाहते हैं कि अंकिता भंडारी मामले में सीबीआई जांच की जाए तो, वह सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं। सब अपने-अपने तरीके से अंकिता को न्याय दिलाने का काम कर रहे हैँ, लेकिन हरीश रावत अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं ।