हरिद्वार: निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि ने आरोप लगाया है कि कुछ अराजक तत्व उनको और देश के प्रमुख संतों को खत्म कर देना चाहते हैं. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि कुछ दिन पहले उनके हरिद्वार के चंडी घाट स्थित आश्रम में एक व्यक्ति आया था और नाम बदलकर आश्रम के रजिस्टर में बाकायदा उसने एंट्री की और उनकी रेकी की, जिसको प्रयागराज पुलिस ने पकड़ भी लिया है. पुलिस की पकड़ में आने के बाद आरोपी लगातार अपने बयान बदल रहा है. आरोपी से पुलिस को कड़ी पूछताछ करके यह पता लगाना चाहिए कि देश के संतों को बदनाम करने की कौन सी साजिशें हो रही हैं और इनके पीछे क्या मकसद है? अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत रविंद्रपुरी और महंत हरि गिरि ने भी प्रयागराज में हिरासत में लिए गए शख्स पर यही आरोप लगाए हैं. इस मामले में प्रयागराज के परी अखाड़ा प्रमुख त्रिकाल भवंता ने बताया कि एक संदिग्ध व्यक्ति स्वामी कैलाशानंद गिरि को खीर में जहर मिलाकर उनकी हत्या करना चाहता है. ऐसे में अब संतों को भी अपने सुरक्षा के कड़े इंतजाम करने होंगे, जहां भी भंडारा होगा. वहां, पर सीसीटीवी लगवाए जाएं, ताकि कोई भी भंडारे में किसी भी तरह की मिलावट ना कर सके.
त्रिकाल भवंता का आरोप
परी अखाड़ा प्रमुख त्रिकाल भवंता का कहना है कि तीन दिन पहले उन्हें एक फोन आया था. फोन करने वाले ने मिलने को कहा था. शुक्रवार को दोबारा फोन कर युवक ने बताया कि वह हरिद्वार से प्रयागराज आ रहा है. उसने बताया कि आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद के जन्मोत्सव कार्यक्रम में देश के कई बड़े संत शामिल होंगे. इस दौरान वह प्रसाद के रूप में बांटे जाने वाली खीर में जहर मिलाकर कैलाशानंद ओर अन्य संतों को मार देगा.
नौकरी के नाम पर 20 लाख रुपये ऐंठने का आरोप
त्रिकाल भवंता के मुताबिक युवक ने आरोप लगाया है कि उससे नौकरी दिलाने के नाम पर 20 लाख रुपए कैलाशनंद ने लिए हैं लेकिन उसे नौकरी नहीं मिली है, जिससे वो नाराज है. आरोपी युवक को प्रयागराज में पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. पूछताछ जारी है. युवक का नाम विक्रम सिंह बताया जा रहा है और वह बागपत निवासी है.