रायबरेलीः जिला जेल गेट पर सोमवार को सिपाही को साथी पुलिसकर्मियों द्वारा बुरी तरह पीटने का मामला सामने आया है. हमले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया. पुलिसकर्मियों की पिटाई से सिपाही बुरी तरह घायल हो गया, जिसे इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है. वहीं, पीड़ित सिपाही की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर वायरल वीडियो में सिपाहियों की पहचान होने के बाद तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया.
जिला कारागार रायबरेली में तैनात सिपाही मुकेश दुबे जेल में भंडारे ड्यूटी पर तैनात है. वह अपनी ड्यूटी खत्म करने के बाद अपने आवास जा रहा था. इसी दौरान जेल में ही तैनात 5 सिपाहियों ने लाठी-डंडों से हमला बोल दिया. पीड़ित सिपाही मुकेश दुबे ने आरोप लगाया कि उसे जेल के 5 सिपाहियों ने बुरी तरह पीटा है. मुकेश दुबे ने 5 सिपाहियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि वो उस पर भंडारे के अंदर बनने वाले खाने की क्वालिटी खराब करने का दबाव बना रहे था. दबाव बनाने वाले जेल में तैनात उच्च अधिकारियों के अर्दली हैं और निजी कैंटीन चलाते हैं. मुकेश ने बताया कि भंडारे में अच्छा खाना बनने से निजी कैंटीन की बिक्री प्रभावित हो रही थी. इसी को लेकर कैंटीन संचालकों ने अपने विश्वासपात्र सिपाहियों से उसे पिटवाया है.
वहीं, हमले में घायल सिपाही मुकेश दुबे की पत्नी रुचि ने बताया कि जिन लोगों ने हमला किया है, वह जेल के अंदर अवैध कैंटीन चलाते हैं. पिछले 1 महीने से कैंटीन चलाने वाले जेल के सिपाही बराबर दबाव बना रहे थे कि कैदियों को मिलने वाले खाने में गड़बड़ी करो, ताकि जेल में बंद बंदी कैंटीन से खाना ले. लेकिन उन्होंने बंदियों को मिलने वाले खाने की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया. इसी से नाराज होकर मंगलवार को सिपाही विजय सिंह, सौरभ वर्मा, प्रवेश सिंह, राजीव शुक्ला व जसवंत कुमार ने उन पर जानलेवा हमला कर दिया.
पीड़ित सिपाही का आरोप एससी एसटी एक्ट लगाने की हुई कोशिश
रायबरेली जिला जेल में मुकेश दुबे की पिटाई के बाद मंगलवार को सुबह से की जा रही पेशबंदी शाम होते-होते धराशाही हो गई. मारपीट का वीडियो वायरल होते ही जिला पुलिस से लेकर जेल प्रशासन तो को अपने कदम पीछे खिंचने पड़े. पीड़ित सिपाही मुकेश कुमार की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया है. मामले में एससी एसटी ऐक्ट के दुरुपयोग करने का भी प्रयास किया गया. पीड़ित सिपाही मुकेश का आरोप है कि की उसका मुकदमा नहीं दर्ज किया जा रहा था. वहीं, आरोपी ने एससी एसटी एक्ट के तहत पीड़ित सिपाही के खिलाफ तहरीर दे दी. शहर कोतवाली पुलिस जांच के नाम पर मामले को निपटाने की जुगत में ही थी तभी पिटाई का वीडियो वायरल हो गया.
भाजपा सरकार में बेईमान के हाथ में लाठी है और ईमानदार प्रताड़ना का शिकार हो रहे हैं। उप्र की एक ज़िला जेल में भ्रष्टाचार में साथ न देने पर पुलिसवाले ही पुलिसवाले को पीट रहे हैं।
पुलिस से झूठे मुक़दमे करवानेवाली भाजपा सरकार ने पुलिस को भ्रष्ट कर दिया है।
कोई सुननेवाला है क्या? pic.twitter.com/PuzFqMJpZu
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) December 27, 2022
अखिलेश यादव ने ट्वीट कर साधा निशाना
पिटाई का वीडियो वायरल होन के उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा के राष्ठ्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर उत्तर प्रदेश पुलिस और सूबे की योगी सरकार पर निशाना साधा. सपा अध्यक्ष ने ट्वीट कर लिखा कि ‘भाजपा सरकार में बेईमान के हाथ में लाठी है और ईमानदार प्रताड़ना का शिकार हो रहे हैं. उप्र की एक जिला जेल में भ्रष्टाचार में साथ न देने पर पुलिसवाले ही पुलिसवाले को पीट रहे हैं. पुलिस से झूठे मुकदमे करवाने वाली भाजपा सरकार ने पुलिस को भ्रष्ट कर दिया है. कोई सुननेवाला है क्या?