CM धामी ने की शांति की अपील, बोले – रेलवे और कोर्ट के बीच चल रहा है हल्द्वानी अतिक्रमण मामला, सरकार का कोई इन्वॉल्वमेंट नहीं…

खबर उत्तराखंड

देहरादूनः हल्द्वानी में रेलवे भूमि से अतिक्रमण हटाने के हाईकोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है. जिसे लेकर सूबे में सियासत भी जारी है. मामले में सीएम पुष्कर धामी का कहना है कि कुछ लोग अपनी विरोध की राजनीति के चलते सरकार के खिलाफ माहौल बना रहे हैं. सरकार सुप्रीम कोर्ट के अनुसार काम करेगी. हल्द्वानी के वनभूलपुरा रेलवे भूमि पर अतिक्रमण मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार काम करेगी. यह मामला रेलवे और कोर्ट के बीच चल रहा है. इसमें सरकार कहीं नहीं है. कुछ लोगों ने अपनी विरोध की राजनीति के चलते ऐसा माहौल बनाने की कोशिश की है कि सब कुछ सरकार कर रही है. हम सभी से शांति और शांति बनाए रखने की अपील करते हैं.

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बीजेपी और कांग्रेस के नेता मानवीय फैसला बता रहे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बड़ा जजमेंट करार दिया है. हरीश रावत कह चुके हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने मानवीय चेहरे को देखते हुए सुप्रीम निर्णय सुनाया है, लेकिन अतिक्रमण मामले में हरीश रावत ने बीजेपी सरकार को घेरा है. उनका कहना है कि जब कब्जे किए जा रहे हो, उस समय यह देखना चाहिए. उन्होंने बीजेपी के मंत्री पर ही अवैध कब्जा कराने का आरोप लगाया है.

सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

हल्द्वानी में रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण हटाने के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाई. इससे पहले हाईकोर्ट के अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए थे. सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार और रेलवे को नोटिस जारी किया है. कोर्ट का कहना था कि बिना समाधान ढूंढे आप 7 दिन के भीतर घर खाली करने के लिए कैसे कह सकते हैं? अब मामले की सुनवाई अब 7 फरवरी को होगी.

क्या है मामला

दरअसल, हल्द्वानी में रेलवे की भूमि पर अतिक्रमण किया गया है. जहां करीब 4300 से ज्यादा घर बनाए गए हैं. जिन्हें खाली करने के लिए रेलवे ने उत्तराखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिका की सुनवाई करते हुए उत्तराखंड हाईकोर्ट ने बीती 20 दिसंबर 2022 को रेलवे को अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था. जिसके बाद रेलवे ने अतिक्रमण खाली कराने को लेकर सार्वजनिक नोटिस जारी किया. लिहाजा, खुद अतिक्रमण हटाने के लिए सात दिन का समय दिया गया.

वहीं, रेलवे ने अपने नोटिस में कहा था कि हल्द्वानी रेलवे स्टेशन 82.900 किमी से 87.710 किमी के बीच रेलवे की भूमि पर सभी अनाधिकृत कब्जों को तोड़ा जाएगा. वहीं, हाईकोर्ट के इस आदेश को 2 जनवरी को हल्द्वानी के शराफत खान समेत 11 लोगों की याचिका वरिष्ठ वकील अधिवक्ता सलमान खुर्शीद की ओर से दाखिल की गई थी. जिस पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई.

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *