देहरादून: उत्तराखंड के जोशीमठ में लगातार हो रहे भू धंसाव से न सिर्फ राज्य सरकार, बल्कि केंद्र सरकार भी चिंतित नजर आ रही है. केंद्र सरकार ने जोशीमठ भू-धंसाव के रहस्य का पता लगाने के लिए 6 सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया है, जो तीन दिन में अपनी रिपोर्ट केंद्र को सौंपेगी. इस संबंध में शुक्रवार को ही केंद्र सरकार ने आदेश जारी किए हैं. वहीं, शुक्रवार 6 जनवरी को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी देहरादून में अधिकारियों के साथ हाई लेवल मीटिंग की.
600 से ज्यादा घरों में आई दरारें
जोशीमठ में भू धंसाव के कारण स्थिति रोज खतरनाक होती जा रही है. घरों और सड़कों में पड़ी दरारें चौड़ी होती जा रही हैं. 600 से ज्यादा घर खतरे की जद में हैं. वहीं, सीएम पुष्कर सिंह धामी ने भी बैठक में अधिकारियों को सबसे पहले प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने के निर्देश दिए हैं. राज्य सरकार की टीम जोशीमठ में हालात का स्थलीय निरीक्षण कर रही है.
बेघर हुए लोगों को हर महीने सरकार देगी चार हजार रुपए
बता दें कि उत्तराखंड सरकार की तरफ शुक्रवार को घोषणा की गई है कि बेघर हुए परिवारों को चार हजार रुपए प्रतिमाह दिया जाएगा. इसके अलावा एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम भी मौके पर पहुंच चुकी है. ताकि किसी भी तरह की स्थिति से निपटा जा सके. इसके अलावा सीएम के आदेश पर आपदा कंट्रोल रूम गठित किया गया है. वहीं सीएम ने बैठक में बड़ा अस्थाई पुनर्वास केंद्र बनाने का भी निर्देश दिया है.
एनटीपीसी की टनल का काम रोका गया है
जोशीमठ में स्थिति को देखते हुए एनटीपीसी पावर प्रोजेक्ट के टनल के अंदर का कार्य भी पूरी तरह से रोक दिया गया है. समस्या को देखते हुए जिला प्रशासन ने बीआरओ के अन्तर्गत निर्मित हेलंग बाईपास निर्माण कार्य, एनटीपीसी के तपोवन विष्णुगाड़ जल विद्युत परियोजना के अंतर्गत निर्माण कार्य एवं नगरपालिका क्षेत्र के अंतर्गत निर्माण कार्यो पर अग्रिम आदेशों तक तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है.