बदायूं: पी के बदायूं में नाग-नागिन की प्रेम कहानी का दुखद अंत हो गया। नागिन की मौत के बाद वियोग में जख्मी होकर दो दिन बाद नाग ने भी प्राण त्याग दिए। ग्रामीणों ने उसका अंतिम संस्कार नागिन के समीप ही कर दिया। इस घटना के बाद ग्रामीण नाग-नागिन की सजीव प्रेमी कहानी को लेकर द्रवित हैं। बिल्सी थाना क्षेत्र के गांव नगला डल्लू में अपने जीवनसाथी नाग को एक नेवला से बचाते हुए खुद नागिन उसका शिकार हो गई थी। नागिन की मौत के बाद नाग बेसुध होकर बेहाल हो गया। उसने जमीन में फुफकार मारकर खुद को जख्मी कर लिया। बुधवार को नागिन की मौत के बाद से उसने घटनास्थल को नहीं छोड़ा। उसी स्थान पर बेसुध पड़ा रहा। गुरुवार की रात तक लोगों ने उसको खेतों में पड़ा देखा, लेकिन सांस चल रही थी। शुक्रवार की सुबह जब गांव के लोग मौके पर पहुंचे, तब तक वह अपनी सांसों की डोर तोड़ चुका था।
बदायूं में नाग-नागिन के एक जोड़े पर हमला करके एक नेवले ने नागिन को मार डाला। नागिन की मौत के बाद घायल नाग वहां से हट नहीं रहा है। pic.twitter.com/5RLsoh8Lw7
— Arjun Chaudharyy (@Arjunpchaudhary) January 5, 2023
नागिन वाले स्थान पर किया अंत्येष्टि
जिस स्थान पर नागिन का ग्रामीणों द्वारा अंतिम संस्कार किया गया। उसी जगह गड्ढा खोदकर ग्रामीणों पे नाग का भी अंतिम संस्कार कर दिया। लोगों ने नाग-नागिन के प्रेम को सराहा है। वहीं, नेवला को कोसा है। कई वर्षों से एक साथ देवस्थान के नजदीक रह रहे नाग नागिन की दुखद मौत से हर आंख नम हो गई। फिल्मों की बात सामने से अनूठी प्रेम कहानी का अंत देखकर लोग द्रवित हो गए। हर तरफ नाग-नागिन के प्रेमी की कहानी को सराहा गया।
वन विभाग की दिखी लापरवाही
नगला डल्लू में नागिन के बाद नाग की मौत के मामले में वन विभाग की पूरी तरह से लापरवाही दिख रही है। तीन दिन से नाग मरणासन्न अवस्था में नागिन की मौत के चलते सिर पटककर घायल हो रहा था, लेकिन वन विभाग की टीम मौके पर नहीं पहुंची और न ही उपचार की कोई व्यवस्था की। डीएफओ एके सिंह ने संबंधित रेंज के रेंजर को निर्देश दिए थे। इधर वन विभाग ने दोनों की मौत के बाद पोस्टमार्टम की जिम्मेदारी भी नहीं समझी। ग्रामीणों ने नागिन एवं नाग को दफन कर दिया।
जोड़ा एक दूसरे से करता है बेहद प्रेम
वन अधिकारी बताते हैं कि इंसानों की तरह जीव, जंतु भी अपने जोड़े से बेहद प्यार करते हैं। ऐसी स्थिति में अगर नाग, नागिन में से किसी एक की मौत हो जाती है तो उनमें से जो रह जाता है वह दुख व्यक्त करता है। वहीं इन दिनों में सांपों पर केचुली आती है ऐसे में ये ज्यादा सक्रिय नहीं रह पाते हैं। जिसके चलते इन दिनों में नेवले के हमले में सांप के मरने की घटनाएं बढ़ जाती हैं।