रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट का जोशीमठ दौरा: आर्मी कैंप का किया निरीक्षण, पीड़ित परिवारों से भी मिले…

खबर उत्तराखंड

चमोली: उत्तराखंड के जोशीमठ में आज से असुरक्षित इमारतें गिराने का काम शुरू हो गया है. भू-धंसाव के चलते तमाम घरों और होटलों में पड़ी दरारें बढ़ती जा रही हैं. प्रशासन ने असुरक्षित जोन घोषित किए हैं. वहीं, रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने जोशीमठ के आर्मी बेस में प्रशासनिक अधिकारियों के साथ विचार विमर्श किया. बैठक के बाद अजय भट्ट ने सुनील वॉर्ड में प्रभावित लोगों से मुलाकात की और उन्हें हर संभव मदद का भरोसा जताया. अजय भट्ट ने लोगों से कहा कि केंद्र और राज्य सरकार युद्धस्तर पर काम कर लोगों को आपदा से निकाल रहे हैं. इस दौरान अजय भट्ट ने कहा कि लोगों ने मेहनत की कमाई से घर तो बना लिया, लेकिन अब उन्हें छोड़ना पड़ रहा है. हमारी प्राथमिकता सभी को सुरक्षित रखना है. पीएम मोदी लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं. जोशीमठ में अधिकारी तैनात हैं और सेना भी सतर्क है. इसके साथ ही लोगों के पशुओं के लिए पशु आश्रय भी बनाया जाएगा.

रक्षा राज्यमंत्री का दौरा इसलिए भी बेहद खास माना जा रहा है कि यहां से मात्र 90 किलोमीटर की दूरी पर चीन से लगी सीमा है. साथ ही सेना की ब्रिगेड भी है जो वास्तविक नियंत्रण रेखा पर निगरानी करती है. जोशीमठ में आईटीबीपी की एक बटालियन भी तैनात है. औली और आस-पास के तमाम सीमा रेखा की निगरानी सेना और आईटीबीपी मिलकर करती हैं. पिछले साल ही इंडियन आर्मी ने अमेरिकी सेना के साथ तपोवन में एक बड़ा युद्ध अभ्यास किया था, जिसको लेकर चीन ने विरोध जताया था.

चमोली जिले में चीन सीमा के सबसे करीबी नगर जोशीमठ के अस्तित्व पर भू धंसाव ने संकट खड़ा कर दिया है. भवनों, दुकानों, सड़कों आदि में आ रही दरारों से हर किसी के रात-दिन खौफ के साए में कट रहे हैं. बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक हर चेहरे पर डर का भाव देखा जा सकता है. वहीं, जिला प्रशासन की हिदायत पर रिहायशी इलाकों के लोग घर खाली करके जा चुके हैं. बहुत सारे लोग अभी भी सामान समेट रहे हैं. ये लोग जोशीमठ छोड़कर जाने की तैयारी में हैं. जोशीमठ में भू-धंसाव के चलते अब तक पौने साथ सौ से ज्यादा घरों में दरारें पड़ चुकी हैं. इतना ही नहीं कई जगहों पर सड़क तक फट गई है. जमीन के नीचे से लगातार पानी का रिसाव हो रहा है.

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