ना चल रही थी नब्ज, ना दिल मे थी जान, फिर भी जिंदा था शख्स, चल रही थी ज़ुबान, जानिए कैसे हुआ ये चमत्कार

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न्यूज़ डेस्क: विज्ञान और चिकित्सा के क्षेत्र में पिछले कुछ समय में काफी तरक्की हुई है। विज्ञान की वजह से कई ऐसे चमत्कार भी संभव हो गए हैं जो कभी असंभव लगते थे। वहीं चिकित्सा में भी ऐसे कई चमत्कार देखने को मिलते हैं। किसी भी इंसान के जिंदा रहने के लिए शरीर में बहुत से अंग जरूरी होते हैं लेकिन इनमें दिल सबसे अहम होता है। दिल अगर धड़कना बंद कर दे तो व्यक्ति की उसी समय मृत्यु हो जाती है। लेकिन एक ऐसा इंसान भी था, जिसके शरीर में ना दिल धड़क रहा था और ना उसकी नब्ज चल रही थी लेकिन फिर भी वह जिंदा था और आराम से बात कर रहा था। जानते हैं यह चमत्कार कैसे संभव हुआ था।

डॉक्‍टरों ने ऑपरेशन कर निकाल लिया था दिल

बिना दिल के जीवित रहने वाले इस शख्‍स का नाम क्रेग लुईस था। दरअसल, क्रेग लुईस को दिल की बीमारी थी, जिसके कारण वह मरने वाला था। डॉक्टर्स ने कह दिया था कि वह 12 घंटे से ज्यादा जीवित नहीं रह पाएगा। हालांकि दो डॉक्‍टरों ने उसका दिल ऑपरेट करके निकाल दिया और उसकी जगह ऐसी चीज लगाई जिसके कारण वो जीवित रहा। क्रेग लुईस पहले ऐसे शख्‍स थे, जिन पर ये प्रयोग किया गया और जो सफल रहा।

ना शरीर में था दिल और ना ही चल रही थी पल्‍स

दरअसल, डॉक्टर्स ने क्रेग की पत्‍नी की परमीशन लेकर उनके दिल का ऑपरेशन करके उनके जिंदा रहते डॉक्‍टरों ने उनका दिल निकाल दिया और उसकी जगह “continuous flow,” नाम की एक ऐसी मशीन लगाई। उससे क्रेग लुईस के शरीर में बिना पल्स के रक्त प्रवाहित होने में मदद मिली। ऑपरेशन के चंद घंटे बाद वो जिंदा हो गए और उनके शरीर में दिल नहीं था फिर भी वो जिंदा थे और सांस ले रहे थे। क्रेग ऑपरेशन के बाद बात भी कर रहे थे। 55 साल के क्रेग लुईस नाम एमिलॉयडोसिस से पीड़ित थे जो एक दुर्लभ ऑटोम्यून्यून बीमारी है। जो शरीर में असामान्य प्रोटीन का निर्माण करती है और तेजी से दिल, गुर्दे और यकृत को फेलियर बना देती है।

पहले इंसान जिन पर किया गया ये प्रयोग
टेक्सास हार्ट इंस्टीट्यूट के डॉ बिली कोह्न और डॉ बड फ्रैजियर ने क्रेग को जिंदा रखने के लिए “continuous flow,” उपकरण को शरीर में लगाए जाने का प्रपोजल दिया, जो बिना पल्स के लुईस के रक्त प्रवाह में मदद करेगा जिसे उनकी पत्‍नी मान गई और क्रेग को नई जिंदगी मिली। इससे पहले उन्होंने गाय के बछड़ों पर ये प्रयोग किया था। दोनों डॉक्टरों ने मिलकर ये डिवाइस बनाई थी और करीब 50 बछड़ों पर इसका परीक्षण किया था। उन्होंने जानवरों के दिलों को हटा दिया और उन्हें डिवाइस से बदल दिया। डिवाइस शरीर के माध्यम से रक्त के निरंतर प्रवाह की आपूर्ति करके इसे ट्रांसफर करने के लिए ब्लड का उपयोग करके काम करता है। डिवाइस स्थापित करने से पहले, लुईस को डायलिसिस मशीन, श्वास मशीन और बाहरी रक्त पंप पर रखा गया था।

एक महीने से अधिक समय तक जिंदा रहे क्रेग
वहीं लिंडा ने अपने पति क्रेग के ऑपरेशन के बाद जब उनकी नब्ज सुनी तो हैरान रह गईं। उन्‍होंने कहा था मैंने सुना और यह एक गुनगुनाहट थी, जो अद्भुत थी। उसकी नब्ज नहीं थी। अफसोस की बात है कि लुईस की हालत बिगड़ने लगी क्योंकि बीमारी ने उनके लीवर और किडनी पर हमला कर दिया और अप्रैल 2011 में उनका निधन हो गया। ऑपरेशन के बाद वह बिना पल्स के एक महीने से अधिक समय तक जीवित रहे, उनके डॉक्टरों ने कहा कि पंपों ने बिना किसी दोष के काम किया था।

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