गोरखपुर: बिजली निगम के कैपिंयरगंज खंड में एक उपभोक्ता के परिसर पर पांच करोड़ सात लाख रुपये का बिजली बिल भेज दिया गया, जिसे देख पूरा परिवार हतप्रभ रख गया। बिल सुधार के लिए जब संबंधित अवर अभियंता से संपर्क किया गया तो उन्होंने इसे विभागीय चूक बताई। उपभोक्ता को अब बिल सही होने का इंतजार है। जंगल कौड़िया ब्लॉक ग्राम दहला टोला महला निवासी पारस निषाद की मजनू चौराहे पर पान की गुमटी है। किसी तरह वह परिवार का भरण पोषण करते हैं। पारस ने गांव में अपने चार कमरे के मकान में एक किलो वाट का विद्युत कनेक्शन ले रखा है, जिसके एवज में हर महीने समय से बिल का भुगतान भी करते हैं।
इधर कुछ महीने से बिल समय से नहीं जमा कर पाए थे। पारस बुधवार को सिहोरवा स्थित विद्युत उपकेंद्र पहुंचे और अपने बिल की मांग की। कर्मचारी ने जब ऑनलाइन बिल निकाला तो पता चला कि बिजली का बकाया पांच करोड़ सात लाख 34 हजार रुपये के करीब है। बिल देख वह चौंक पड़े। उन्होंने बिल सही करने के लिए कहा तो इधर उधर टाला जाने लगा। उन्होंने इसकी जानकारी अवर अभियंता को दी।
अधीक्षण अभियंता ग्रामीण विनोद कुमार ने बताया कि मामले की जानकारी नहीं है। लेकिन, अगर ऐसा है तो गलत है। रीडर के साथ निगम के जिम्मेदारों को भी बिल बनाते समय लोड, बिजली कनेक्शन क्षमता, बिल जमा करने का औसत, यह सब ध्यान में रखना चाहिए। इसके बाद ही बिल बनना चाहिए। जबकि अवर अभियंता राम मनोहर ने बताया कि लोड की गड़बड़ी से यह बिल आ गया है। इसे सही करवाकर बिजली बिल दिया जाएगा।