देहरादून: चमोली जिले के जोशीमठ शहर में भू धंसाव (joshimath landslide) से लगातार हालात भयावह होते जा रहे हैं. लोगों के घरों में दरारें लगातार बढ़ रही हैं. जिससे लोगों में भय का माहौल है. वहीं अभी तक 760 घरों में दरारें आ चुकी हैं. हालांकि, इन सभी घरों में से 128 मकान पूरी तरह से खतरे की जद में आ गए हैं. जोशीमठ शहर में मौजूद मकानों में लगातार बढ़ रही दरारों को देखकर लगता है कि अब प्रभावित परिवारों (joshimath affected families) को पुनर्वास करने का ही एकमात्र विकल्प बचा है. यही वजह है कि राज्य सरकार पुनर्वास को लेकर पूरी प्लानिंग करने की कवायद में जुट गई है.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) ने कहा कि जोशीमठ के प्रभावित परिवारों को पूरे प्लानिंग के साथ पुनर्वास की कार्रवाई (Joshimath Rehabilitation Policy) की जा रही है. दरअसल, जोशीमठ शहर की स्थितियों का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी 11 जनवरी को जोशीमठ गए थे, जहां उन्होंने रात्रि विश्राम भी किया था. मुख्यमंत्री धामी ने इस दौरे के दौरान ना सिर्फ तमाम व्यवस्थाओं का जायजा लिया, बल्कि संबंधित अधिकारियों और सैन्य अधिकारियों के साथ भी बैठक की थी. ऐसे में अब जोशीमठ से आपदा प्रभावित परिवारों के पुनर्वास को लेकर राज्य सरकार प्लानिंग करने की कवायद में जुटी हुई है. ताकि बेहतर ढंग से इन सभी प्रभावित परिवारों का पुनर्वास कराया जा सके.
जोशीमठ दौरे से वापस लौटे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि अभी फिलहाल जो सबसे अधिक प्रभावित परिवार हैं, उनको वहां से सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट किया जा रहा है. अभी तक 145 परिवारों को सुरक्षित जगह पर शिफ्ट किया जा चुका है. सीएम ने साथ ही कहा कि फौरी तौर पर प्रभावित परिवारों को डेढ़ लाख रुपए की राशि गुरुवार से दी जानी शुरू हो गई है. हालांकि किसी भी मकान को अभी तोड़ा नहीं जा रहा है, लेकिन परिस्थितियों के अनुसार मकानों को खाली जरूर कराया जा रहा है. सर्वे टीम लगातार सर्वे का काम कर रही है और जोशीमठ में जनजीवन सामान्य रूप से चल रहा है. लिहाजा प्रभावित परिवारों के पुनर्वास की कार्रवाई पूरे प्लानिंग के साथ की जा रही है. यह प्राकृतिक आपदा है. लिहाजा सरकार फैसले लेते हुए आगे का प्लान कर रही है.