देहरादून: उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम और सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव अपने उत्तराखंड दौरे पर हल्द्वानी पहुंचे. इस दौरान उन्होंने जोशीमठ आपदा, बेरोजगारी और पेपर लीक सहित कई मुद्दों पर उत्तराखंड और केंद्र सरकार को घेरा. जिसके पलटवार में भाजपा ने कहा कि उत्तराखंड में कोई भी व्यक्ति सपा के काले शासनकाल को याद भी नहीं करना चाहता है. सपा के कार्यकाल में देवभूमि की आंदोलनकारी मां-बहन का चीरहरण किया गया था और आंदोलनकारियों पर गोलियां चलाई गई थी. सपा को उत्तराखंड पर कुछ भी बोलने का कोई हक नहीं है. भाजपा ने अखिलेश यादव के उत्तराखंड में बेरोजगारी और पेपर लीक पर दिए बयान पर कड़ा विरोध जताया है. भाजपा ने अखिलेश पर पलटवार करते हुए कहा सपा कार्यकाल में तो जाति विशेष के लोग ही नौकरी के योग्य समझे जाते थे. प्रदेश में कोई कायदा कानून नहीं था. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा सपा के शासन में समानता का क्या पैमाना था, उससे सभी वाकिफ है.
महेंद्र भट्ट ने कहा उत्तर प्रदेश में जंगल राज और माफिया राज पर तब अंकुश लगा, जब उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कमान संभाली. योगी सरकार में जिले और थानों के बिकने की संस्कृति पर लगाम लगी. सपा राज में अरबों के घोटाले सामने आए और कई जेलों में बंद है. वहीं, तुष्टिकरण के खेल में लगी रही सपा के चरित्र को कौन नहीं जानता है ?
वहीं, भाजपा के मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान ने कहा उत्तराखंड सपा के उस क्रूर शासन और काले अध्याय को नहीं भूल सकता, जब सरकार की शह पर देवभूमि की मां-बहन के साथ दुराचार और चीरहरण की घटना हुई थी. सपा राज मे आंदोलनकारियों को चुन-चुनकर गोलियों से भूना गया और दमन पूर्वक आंदोलन को कुचलने की कोशिश की गयी. सपा को उत्तराखंड पर कुछ भी कहने का अधिकार नहीं है.
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में आज पारदर्शिता के साथ कार्य हो रहा है. घपले हुए हैं तो उनकी जांच और सुनवाई भी हो रही है. उन्होंने कहा ऐसा यूपी में संभव था कि एक परिवार की सरकार थी. वहां एक जाति विशेष और तुष्टिकरण के चलते एक समुदाय विशेष की सुनवाई होती थी.