देहरादूनः उत्तराखंड राज्य महिला आयोग की ओर से राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर ‘खेलों में महिलाओं की भागीदारी’ विषय पर सेमिनार आयोजित किया गया. सेमिनार में राज्य, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की बालिकाओं और महिला खिलाड़ियों के साथ ही प्रशिक्षकों ने प्रतिभाग किया. इस दौरान खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों ने अपने-अपने अनुभव साझा किए. देहरादून में आयोजित खेल सेमिनार में प्रतिभागियों को राज्य स्तरीय विभिन्न खेलों के संबंध में चलाई जा रही योजनाओं और खेल कार्यक्रमों की जानकारी दी गई. साथ ही सरकार की ओर से खिलाड़ियों को दी जाने वाली सुविधाओं से अवगत कराया गया. ताकि खिलाड़ी इसका लाभ उठा सकें. इसके साथ ही राज्य में महिला खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने और बढ़ावा देने के लिए रणनीति पर भी चर्चा की गयी.
वहीं, सेमिनार में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य की बालिकाओं और महिलाओं को सुविधाएं मुहैया कराने को लेकर सरकार प्रतिबद्ध है. क्योंकि, जहां महिलाओं का सशक्तिकरण होना चाहिए तो उनकी सुरक्षा भी होनी चाहिए. लिहाजा, सरकार तमाम योजनाएं संचालित कर रही है, जिसमें मुख्य रूप से गौरा शक्ति एप को भी लॉन्च किया गया है. जिससे जहां महिलाओं की सुरक्षा होगी, साथ ही महिलाओं का सशक्तिकरण भी होगा.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उन्हें गर्व है कि उत्तराखंड की महिला शक्ति विभिन्न स्थानों पर प्रदेश का नाम ऊंचा कर रही हैं. महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने उत्कृष्ट कार्य करने वाली बालिकाओं को सम्मानित किया. उन्होंने कहा कि आज प्रदेश की बालिकाएं देश और दुनिया में परचम लहरा रही हैं.
बेटी का अपमान करने वालों के खिलाफ करेंगे कड़ी कार्रवाई
सीएम धामी ने कहा कि बेटियों की सुरक्षा हम सभी की जिम्मेदारी है. राज्य का मुख्य सेवक होने के नाते प्रदेश की किसी भी बेटी का अपमान करने वाले के खिलाफ हम कठोरतम कार्रवाई करने से कभी पीछे नहीं हटेंगे. हमारी बेटियां हमारी शान, मान एवं अभिमान हैं.
उत्तराखंड की महिलाओं को सरकारी नौकरी में 30 प्रतिशत आरक्षण
इसके अलावा मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य सरकार ने सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 30 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान किया है. राज्य स्थापना की रजत जयंती पर उत्तराखंड को सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने का जो लक्ष्य रखा है, उसमें हमारी बेटियों की अहम भूमिका होगी. बता दें कि 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है. इसकी शुरुआत साल 2008 में हुई थी. ताकि, समाज में लड़कियों के सामने आने वाली असमानताओं के बारे में जागरूकता फैलाई जा सके. इसके तहत सेव द गर्ल चाइल्ड, चाइल्ड सेक्स रेशियो और लड़कियों के लिए एक स्वस्थ और सुरक्षित वातावरण के निर्माण के बारे में जागरूकता अभियान शामिल है.