बालोद: छत्तीसगढ के बालोद जिले से एक बड़ी खबर निकल कर सामने आई है. जिले के एक सरकारी स्कूल में एक ऐसी घटना हुई है जिसने सबको आश्चर्य में डाल दिया है. जिले के ग्राम भैंसबोड़ में स्तिथ हाईस्कूल में इन दिनों छात्राओं के अचानक बेहोश होकर जोर-जोर से चिल्लाने का बड़ा मामला सामने आया है. इस दौरान छात्राएं अजीब हरकत भी कर रही हैं. प्रार्थना स्थल और क्लास रूम में छात्राएं अचानक बेहोश हो रही है. अब तक 11 से अधिक छात्राएं बेहोश हो चुकी है. इस घटना से स्कूल में हड़कंप मच गया है. सोमवार से लेकर आज तक 7 छात्राएं बेहोश हो चुकी है. लगातार हो रही इस घटना से अन्य स्कूली छात्राएं, शिक्षक और पालकगण परेशान हैं. स्कूल प्राचार्य के मुताबिक 9 महीने पहले भी इस तरह की घटना सामने आ चुकी हैं. छात्राएं क्यों बेहोश हो रही हैं, घटना के पीछे क्या कारण है, इसकी जानकारी किसी को नहीं है.
सभी लड़कियों का किया गया स्वास्थ्य परीक्षण
इस मामले को देखते हुए ग्रामीण अपने स्तर पर मामले का निराकरण करने का प्रयास कर रहे हैं. हालांकि स्वास्थ्य विभाग की टीम ने स्कूल में पहुंचकर बेहोश हुई छात्राओं का स्वास्थ्य परीक्षण कर जांच की है. सीएमएचओ इस घटना को साइकोलॉजी कारण बता रहे हैं. वही जांच के बाद ही वास्तविक कारण बताने की बात सीएमएचओं ने कही है. साथ ही छात्राओं को समझाइश दी जा रही है कि घबराए नहीं, बहरहाल इस घटना से सभी सकते में हैं.
जिला शिक्षा अधिकारी को दी है सूचना
प्राचार्य आरएस रायपुरिया ने बताया कि घटना कुछ दिनों से हो रही है. यह सिर्फ छात्राओं में हो रही है. कभी प्रार्थना स्थल तो कभी कक्षा में अलग-अलग छात्राओं को चक्कर आना और जोर-जोर से चिल्लाने की घटना घट रही है. लगातार विद्यार्थियों को समझाइश दे रहे हैं कि वे घबराएं नहीं, यह सब सामान्य है.
उत्तराखंड मे भी हो चुकी ऐसी घटना
उत्तराखंड के भी कई जिलों मे ऐसे मामले सामने आए हैं पिछले दिनों चंपावत स्थित अटल उत्कृष्ट जीआईसी स्कूल में कर 29 छात्राएं और 3 छात्र बेहोश हो गए थे । घटना के बाद अभिभावक जहां इसे दैवीय प्रकोप बता रहे थे , तो वहीं शिक्षा विभाग ने इसे मामले को हिस्टीरिया की घटना कहा था।
इससे पहले बागेश्वर में ऐसा ही कुछ देखने को मिला था। राजकीय जूनियर हाईस्कूल रैखोली में छात्राएं बेहोश हो रही थीं। स्कूल के मैदान से लेकर कक्षाओं में अलग-अलग समय में अचानक से चिल्ला कर इधर-उधर गिरने लगी थी। बदहवाशी में छात्राएं तेज आवाज में कुछ कहने लगी थी। इस मामले का राज्य बाल संरक्षण आयोग ने भी संज्ञान लिया था। इस साल बागेश्वर जिले में भी ऐसे तीन मामले आ चुके हैं। शिक्षा विभाग इसे मास हिस्टीरिया का मामला बता रहा था।