न्यूज़ डेस्क: इस बात से कई लोग अनजान हैं कि डिओडोरेंट भी स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. कई लोग इसका अंधाधुंध इस्तेमाल करते हुए देखे जाते हैं. ज्यादातर डिओडोरेंट पर ‘कीप आउट ऑफ रीच ऑफ चिल्ड्रन’ (बच्चों की पहुंच से दूर रखें) लिखे होने के बावजूद अक्सर लोग अपने बच्चों को इसके इस्तेमाल से नहीं रोकते. दरअसल ब्रिटेन से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एयरोसोल डिओडोरेंट सूंघने के बाद एक 14 साल की बच्ची की मौत हो गई. अपनी बच्ची की मौत के बाद माता-पिता ने लोगों को डिओडोरेंट के संभावित खतरों के बारे में आगाह किया है और सावधानी बरतने की अपील की है.
बच्ची का नाम जॉर्जिया ग्रीन था. जॉर्जिया को सोने पहले ब्लैंकेट में डिओडोरेंट छिड़कना काफी पसंद था. क्योंकि इससे उसको अच्छा महसूस होता था. बताया गया कि डिओडोरेंट छिड़कने के बाद उसे कार्डियक अरेस्ट हुआ था. जॉर्जिया पूरी तरह से स्वस्थ थी. उसे कोई शारीरिक परेशानी नहीं थी. हालांकि ऑटिज्म था. जॉर्जिया की मई 2022 में मौत हो गई थी. अपनी बेटी की मौत के बाद से जॉर्जिया के माता-पिता अब बाकी पैरेंट्स को डिओडोरेंट के इस्तेमाल के संभावित खतरों से सचेत कर रहे हैं. पिता पॉल ने बताया कि ग्रीन को कंबल में डिओडोरेंट छिड़कना पसंद था, क्योंकि उसको सुकून मिलता था. वहीं, ब्रिटिश एयरोसोल मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (BAMA) ने कहा कि डिओडोरेंट पर साफतौर पर चेतावनी लिखी होती है.
‘वार्निंग‘ पर ध्यान नहीं देते पैरेंट्स
जियोर्जिया के माता-पिता ने कहा कि कई माता-पिता बिना चेतावनी पर ध्यान दिए अपने बच्चों के लिए डिओडोरेंट खरीदते हैं. वे लोग नहीं जानते कि यह कितना खतरनाक साबित हो सकता है. बच्ची के पिता पॉल ने कहा, ‘मैं नहीं चाहता कि देश या दुनिया में किसी और को उस स्थिति का सामना करना पड़े, जिसका सामना व्यक्तिगत रूप से हमें करना पड़ा. हम नहीं चाहते कि हमारी बेटी की मौत व्यर्थ हो जाए.’
एरोसोल इन्हेल करने की वजह से हुई मौत
जियोर्जिया के बड़े भाई ने 11 मई 2022 को उसको बेडरूम में बेसुध पड़ा पाया था. पॉल ने कहा कि उसके रूम का दरवाजा खुला हुआ था, इसलिए ऐसा नहीं था कि कमरा बंद होने की वजह से घुटन के कारण उसकी मौत हुई थी. जब जियोर्जिया की मौत की जांच की गई तो पाया गया कि एरोसोल इन्हेल करने की वजह से यह सब हुआ. जियोर्जिया के डेथ सर्टिफिकेट में भी ‘डिओडोरेंट’ के बजाय ‘इनहेलेशन ऑफ एयरोसोल’ का जिक्र किया गया है.
द रॉयल सोसाइटी फॉर द प्रिवेंशन ऑफ एक्सीडेंट्स (RoSPA) ने बताया कि डिओडोरेंट का ज्यादा इस्तेमाल करने से कई लोगों की मौत हुई है. RoSPA के पब्लिक हेल्थ एडवाइजर एशले मार्टिन ने कहा कि ये मान लेना कि डिओडोरेंट पूरी तरह से सेफ हैं और इससे कोई खतरा पैदा नहीं हो सकता, ये सच्चाई नहीं है. क्योंकि बड़ी मात्रा में एयरोसोल को इन्हेल करना जिंदगी को खतरे में डाल सकता है, जैसे- ब्लैकआउट होना और सांस लेने में कठिनाइयों होना, दिल की धड़कन में बदलाव और मौत आदि.