गुवाहाटी: गुवाहाटी हाईकोर्ट (Gauhati High Court) एक सीनियर वकील पर सख्त एक्शन लिया। इतना ही नहीं अदालत ने याचिका पर सुनवाई भी टाल दी। कोर्ट ने अपने आदेश में नोट किया कि याचिकाकर्ता के वकील ने अदालत के सामने उचित ड्रेस में पेश नहीं हुआ। दरअसल, गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने आदेश वकील बीके महाजन (Bijan Kumar Mahajan) के खिलाफ जारी किया, जो अदालत में जींस पहुंचे थे।
सीजे को भी कराया जाएगा अवगत
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि इस विषय को माननीय मुख्य न्यायाधीश के साथ-साथ विद्वान रजिस्ट्रार जनरल के संज्ञान में लाया जाए। इस निर्णय से बार काउंसिल ऑफ असम, नागालैंड, मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश को भी अवगत काराया जाएगा। अदालत ने आदेश शुक्रवार को जारी किया, जब वरिष्ठ अधिवक्ता बी के महाजन जींस पहनकर कोर्ट पहुंचे थे। अदालत के आदेश पर पुलिस ने उन्हें गुवाहाटी उच्च न्यायालय परिसर के बाहर छोड़ दिया। महाजन अक्सर जीन्स पहनकर कोर्ट आती थीं, लेकिन उन्हें कल ही नोटिस किया गया था।
क्या था मामला?
गुवाहाटी हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई स्थगित कर दी। इसका कारण कोर्ट में मामले की पैरवी कर एक वरिष्ठ वकील का अदालत परिसर में उचित ड्रेस का ना पहनना था। दरअसल हाईकोर्ट याचिकाकर्ता के वकील बीके महाजन ने जींस पहनी हुई थी। जिस पर अदालत ने संज्ञान लेते हुए एक आदेश जारी किया। अदालत ने कहा, “याचिकाकर्ता के वकील बीके महाजन ने जींस पहनी हुई थी। इसलिए अदालत को पुलिस कर्मियों को उन्हें एचसी परिसर के बाहर करने के लिए बुलाना पड़ा।”
इलाहाबाद HC ने भी दिया था ऐसा आदेश
इलाहाबाद हाईकोर्ट में भी ड्रेस को लेकर एक ऐसा ही मामला सामने आया था। दरअसल, वाराणसी के सिंचाई विभाग के एक्जीक्यूटिव इंजीनियर विजय कुमार कुशवाहा हाईकोर्ट में जींस पहनकर पहुंचे थे। वे एक मामले को लेकर अदालत के सामने पेश हुए। विजय कुमार कुशवाहा का पहनावा देख जज ने उनके ऊपर 5000 रुपए का हर्जाना लगा दिया। इतना ही नहीं, सर्विस कैरेक्टर बुक पर एडवर्स एंट्री यानी प्रतिकूल प्रविष्टि भी दर्ज करने को कहा। बताया जा रहा है कि एडवोकेट बिजन महाजन अक्सर जीन्स पहनकर कोर्ट आते थे। लेकिन शुक्रवार कोर्ट ने नोटिस किया।
क्या कहता है कानून?
हाई कोर्ट की गाइडलाइन के मुताबिक वकील के लिए अदालत में ड्रेस निर्धारित है। अदालत के समझ प्रस्तुत होने पहले उन्हें वही पहनना होता है। इसके अलावा कोर्ट में पेश होने वाले अधिकारियों को ड्रेस का खास ध्यान रखना होता है। क्लास-I या क्लास-II ऑफिसर के साथ सरकारी कर्मचारी को कोर्ट रूम में फॉर्मल ड्रेस कोड में आना चाहिए। जींस ड्रेस कोड के दायरे में नहीं आती। ऐसी स्थिति में कोर्ट अपनी मर्जी के मुताबिक हर्जाना लगा सकती है। अधिकारी अगर कोर्ट में डिसिप्लिन फॉलो नहीं करने पर उनकी सर्विस कैरेक्टर बुक पर एडवर्स एंट्री भी का जा सकती है।
Source : “OneIndia”