देहरादून: उत्तराखंड में बेरोजगार युवाओं का प्रदर्शन लगातार जारी है. बीते दिन बेरोजगार युवा का उग्र रूप देखने को मिला था. बेरोजगार युवाओं की ओर से पत्थरबाजी की गई. जिसके बाद पुलिस प्रशासन की ओर से भी कड़ा रुख अख्तियार करते हुए लाठियां भांजी गई. अब यह पूरा मामला राजनीतिक रंग लेता हुआ नजर आ रहा है. मामले में अब सीएम धामी का बयान सामने आया है. सीएम धामी ने कहा कुछ राजनीतिक संगठनों ने बेरोजगार युवाओं के प्रदर्शन का रुख बदलने का काम किया है. राजधानी देहरादून के घंटाघर में कल हुए पूरे घटनाक्रम पर जहां एक ओर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिए, वहीं दूसरी तरफ उन्होंने विपक्षी दलों पर भी निशाना साधा है. सीएम धामी ने कहा कुछ राजनीतिक पार्टियां जो उत्तराखंड ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर अपनी जमीन खो चुकी हैं उन्होंने बेरोजगार युवाओं के प्रदर्शन का रुख बदलने का काम किया है.
We want students' welfare at all costs. That is why we cancelled exams and issued new dates after taking cognisance of the complaints that had come in. With the issuing of new dates, free rides were made available for candidates in state transport buses: Uttarakhand CM PS Dhami pic.twitter.com/SpMACsTEa4
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) February 10, 2023
सीएम धामी ने कहा सभी राजनीतिक पार्टियां अब छात्र-छात्राओं के कंधे पर बंदूक रखकर इस तरह के कार्य कर रहे हैं. उन्होंने कहा कुछ राजनीतिक पार्टियों से जुड़े लोग छात्रों के रूप में इन प्रदर्शनकारियों के बीच में आ गए. उन लोगों ने ही पत्थरबाजी की घटना को अंजाम दिया. जिसके बाद पुलिस को कदम उठाना पड़ा. सीएम धामी ने कहा जो लोग अनावश्यक रूप से इस प्रदर्शन में शामिल हुए उन सबके चिन्हीकरण का कार्य प्रशासन कर रहा है.अपने बयान में एक बार सीएम धामी ने युवाओं से अपील की. सीएम धामी ने कहा युवाओं का भविष्य खराब ना हो इसके लिए राज्य सरकार कठोर निर्णय लेगी.
वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि कैबिनेट की मंजूरी के बाद नकल विरोधी कानून का अध्यादेश राज्यपाल के भेज दिया है. सरकार ने तय किया है कि अब होने वाली सभी परीक्षाएं इस एंटी-चीटिंग अध्यादेश के अनुसार होंगी. सरकार हर कीमत पर छात्रों का कल्याण चाहती हैं. इसीलिए आने वाली शिकायतों का संज्ञान लेते हुए परीक्षा रद्द की गई है और नई तारीखें जारी कीं गई है. परीक्षा की नई तरीखों के ऐलान के साथ ही उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों में परीक्षार्थियों के लिए फ्री सफर करने की छूट भी दी गई हैं.
ये है सारे बवाल की जड़
उत्तराखंड में अब तक परीक्षाओं में धांधली को लेकर 5 एग्जाम निरस्त हो चुके हैं. 66 आरोपियों की गिरफ्तारी की जा चुकी है. साल 2015 से अब तक उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग और लोक सेवा आयोग की तरफ से 3,314 पदों के लिए 7 परीक्षाएं कराई गई हैं. इनमें दो परीक्षा कांग्रेस 2 तो 5 बीजेपी शासनकाल के दौरान हुईं. इन 7 परीक्षाओं में से पांच परीक्षाएं कैंसिल की जा चुकी है. अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की 2016 की vpdo, 2021 की स्नातक स्तरीय परीक्षा और सचिवालय रक्षक, वन दरोगा भर्ती परीक्षा और लेखपाल परीक्षा निरस्त हो चुकी हैं.