कासगंज: यूपी के कासगंज में हज़ारा नहर के किनारे आराम फरमा रहे मगरमच्छ को मोर को अपना आहार बनाना इतना मंहगा पड़ गया कि उसकी क़ीमत उसे अपनी जान देकर चुकानी पड़ी. यह बात प्रथम दृष्टया पोस्टमार्टम करते वक्त सामने आई. दरअसल कासगंज के नदरई इलाके में हज़ारा नहर और विश्वप्रसिद्ध नदरई का पुल है. प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में लोग नदरई के पुल के आसपास भ्रमण करने आते हैं. गुरुवार को भी लोग भ्रमण कर रहे थे कि अचानक उनकी नज़र हज़ारा नहर के किनारे लेटे मगरमच्छ पर पड़ी. मगरमच्छ देख कर लोगों में अफरा-तफरी मच गई लोग भागने लगे. लोगों को लगा कि मगरमच्छ हमला न कर दे.
तत्काल मगरमच्छ के हज़ारा नहर पर होने की सूचना लोगों ने प्रशासन को दी. इसके बाद मौके पर प्रभागीय वन्य अधिकारी हरिशंकर शुक्ल कर्मचारियों और मगरमच्छ को पकड़ने के यंत्र लेकर पहुंचे. वन विभाग के कर्मचारियों ने जब पकड़ने के उद्देश्य से मगरमच्छ को क़रीब से जाकर देखा तो कोई हलचल न होती देख उन्होंने उसे हिलाया डुलाया, तो पता चला कि उसकी मौत हो चुकी है. इसके बाद मगरमच्छ का पोस्टमार्टम करने के लिए पशु चिकित्सा विभाग की पोस्टमार्टम यूनिट को बुलाया गया. मौके पर ही डॉक्टरों की टीम ने मगरमच्छ का पोस्टमार्टम किया.
कासगंज में मोर खाने से मगरमच्छ की मौत के मामले में प्रभागीय वन्य अधिकारी हरिशंकर शुक्ल ने बताया कि पोस्टमार्टम करने के दौरान मगरमच्छ के पेट और गले मे मोर के पंख और चोंच फंसे हुए नज़र आये. इससे प्रथम दृष्टया मोर के इन्हीं अवशेषों के गले मे फंसने के चलते दम घुटने से मगरमच्छ की मौत प्रतीत हो रही है. उनका कहना है कि मगरमच्छ की मौत का सही कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल पाएगा.