न्यूज़ डेस्क : पाकिस्तान गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है। देश में एक तरफ जहां एक लीटर दूध की कीमत 250 पाकिस्तानी रुपये हो गई है और चिकन की कीमत भी 780 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है, इस बीच खुद रक्षा मंत्री ने घोषणा की है कि देश अब “दिवालिया” है। सियालकोट में एक कॉलेज के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए, रक्षा मंत्री और पीएमएल-एन नेता ख्वाजा आसिफ ने कहा कि लोगों ने सुना होगा कि पाकिस्तान ने गलती है और ये खबर भी सही है कि हमारा देश में आर्थिक मंदी से जूझ रहा है, जो बिल्कुल सही है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का यह बयान ऐसे समय में आया है जब देश रोटी और पानी के लिए भी रिकॉर्ड महंगाई से जूझ रहा है। पाकिस्तान में बिजली, आटा, पेट्रोल-डीजल सबकुछ महंगा हो गया है। आसिफ ने कहा कि पाकिस्तान दिवालिया हो नहीं रहा है, बल्कि वह “पहले ही डिफॉल्ट हो चुका है।” आसिफ ने कहा, “हम एक दिवालिया देश के निवासी हैं। लोग कह रहे हैं कि पाकिस्तान ने चूक की है और वहां आर्थिक मंदी है, लेकिन यह सब पहले ही हो चुका है और हमें अब अपने पैरों पर खड़े होने की जरूरत है।”
Defence Minister of Imported govt admits that Pakistan is already in default. In 10 months they have brought Pak to this sorry state – Shameless lot selling out the country & holding on to power instead of letting nation choose their ldrs thru elections. pic.twitter.com/IHbREnbAhK
— Shireen Mazari (@ShireenMazari1) February 18, 2023
पाकिस्तान के दिवालिएपन के बारे में ख्वाजा आसिफ के कबूलनामे का एक वीडियो वायरल हो गया है और पीटीआई (पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ) सहित विपक्ष के सदस्यों ने तत्काल पीएमएल-एन के शासन की निंदा की। उन्होंने कहा कि प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ ने केवल 10 महीनों में पाकिस्तान को “दयनीय स्थिति” में ला दिया है। एक निजी कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम में, ख्वाजा आसिफ ने पीटीआई के नेतृत्व वाली इमरान खान सरकार को देश में आतंकवाद फैलाने और पाकिस्तान में लौटने की अनुमति देने के लिए भी आलोचना की। रिपोर्टों से पता चलता है कि उन्होंने यहां तक कहा कि इमरान खान ने ऐसा खेल ईजाद किया है कि अब आतंकवाद पाकिस्तान की नियति है। देश में चल रहे संकट के बारे में बोलते हुए उन्होंने घोषणा की कि देश दिवालिया हो गया है और समस्या का समाधान पाकिस्तान में ही मौजूद है लेकिन हम मदद के लिए आईएमएफ की ओर देख रहे हैं।”
पाकिस्तान ने 2019 में 6 बिलियन अमरीकी डालर का आईएमएफ बेलआउट प्राप्त किया था। भयंकर बाढ़ के बाद देश की मदद के लिए 2022 में 1.1 बिलियन अमरीकी डालर की सहायता दी गई जो सबसे ज्यादा थी, लेकिन आईएमएफ ने देश में राजनीतिक उथल-पुथल के बीच राजकोषीय घाटा लगातार बने रहने के कारण पाकिस्तान की विफलता को देखते हुए नवंबर में सहायता को निलंबित कर दिया। कहा जाता है कि पाकिस्तान का मौजूदा विदेशी मुद्रा भंडार तीन सप्ताह से कम के आयात कवर के साथ पूर्ण रूप से समाप्त होने की कगार पर है।