देहरादूनः उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव एक बार फिर पार्टी के ही पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और विधायक प्रीतम सिंह के निशाने पर हैं. इस बार एआईसीसी की सूची में प्रदेश के कई बड़े नेताओं का नाम शामिल नहीं किया गया है. इसके अलावा कुछ जिलों को प्रतिनिधित्व न मिलने के साथ ही प्रदेश से बाहर के लोगों को उत्तराखंड के कोटे में सदस्य बनाए जाने को लेकर प्रीतम सिंह ने देवेंद्र यादव पर तीखा हमला किया है. खास बात ये है कि एआईसीसी की सूची जारी होते ही प्रदेश कांग्रेस में बवाल बढ़ गया है और पार्टी के भीतर कई विधायक इससे असंतुष्ट नजर आ रहे हैं. अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की सूची में उत्तराखंड कांग्रेस के सीनियर नेताओं को जगह नहीं दी गई. इतना ही नहीं उत्तरकाशी और चंपावत जिले को ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के सदस्य के रूप में प्रतिनिधित्व नहीं मिला. बात यहीं तक खत्म नहीं होती, कुछ ऐसे नेताओं को भी सूची में तवज्जो दे दी गई, जो हकीकत में उत्तराखंड की राजनीति में दूर-दूर तक सक्रिय नहीं दिखते और दूसरे राज्य से ताल्लुक रखते हैं.
उत्तराखंड कांग्रेस के कई दिग्गज नेता हुए बाहर
बता दें कि एआईसीसी के सदस्य के तौर पर उत्तराखंड से 30 लोगों को जगह दी गई है. चौंकाने वाली बात ये है कि इस सूची में कई सीनियर विधायकों को ही जगह नहीं मिल पाई. इसमें तिलक राज बेहड़, मदन बिष्ट, मयूख महर, खुशाल सिंह अधिकारी और गोपाल राणा जैसे विधायक सूची से बाहर हो गए. बाकी नामों पर गौर करें तो गोविंद सिंह कुंजवाल जैसे सीनियर नेता भी इस सूची में जगह नहीं बना पाए. इसके अलावा दिनेश अग्रवाल सुरेंद्र सिंह नेगी भी पार्टी हाईकमान की तवज्जो नहीं आ पाए.
देवेंद्र यादव अपनी मर्जी से ही पार्टी चलाना चाहते
कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और मौजूदा चकराता विधायक प्रीतम सिंह ने गहरी नाराजगी जाहिर की है. प्रीतम सिंह ने कहा कि एआईसीसी की सूची देखकर मैं हैरान हूं, जिस तरह सूची में दो जिले छोड़ दिए गए और वरिष्ठ नेताओं और विधायकों को जगह नहीं दी गई, उससे प्रतीत होता है कि पार्टी में प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव बिना किसी की सलाह लिए अपनी मर्जी से ही पार्टी चलाना चाहते हैं. प्रीतम सिंह ने कहा कि प्रदेश प्रभारी बिना ज्ञान के इस तरह फैसला ले रहे हैं. इस दौरान किसी भी पार्टी के वरिष्ठ नेता से कोई सलाह नहीं ले रहे हैं.
उत्तराखंड कांग्रेस में घमासान मचने की संभावना
प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव पर मनमानी और पार्टी को कमजोर करने के आरोप पहले भी लगते रहे हैं. इतना ही नहीं वरिष्ठ विधायक और कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह पहले भी देवेंद्र यादव पर हमला कर रहे हैं. ऐसे में इस बार फिर प्रीतम सिंह ने जिस तरह देवेंद्र यादव के खिलाफ खुलकर आक्रामक रुख अपनाया है. उससे आने वाले दिनों में पार्टी के भीतर घमासान मचने की पूरी संभावना है.