अलीगढ: अलीगढ़ के सासनी गेट क्षेत्र में एक नवविवाहित जोड़े के बीच वैवाहिक संबंध न बनने पर शादी के पांच माह में ही तलाक की नौबत आ गई। युवती की ओर से परिवार न्यायालय में तलाक की अर्जी दायर की गई। जिस पर कई माह तक चली काउंसलिंग के बाद सच सामने आया और तलाक पर सहमति बनी। मामले में युवक पक्ष ने शादी में खर्च के 28 लाख रुपये वापस किए हैं। इसके बाद परिवार न्यायालय की न्यायाधीश गरिमा सिंह ने तलाक मंजूर किया है। काउंसलर अधिवक्ता योगेश सारस्वत के अनुसार सासनी गेट क्षेत्र के सॉफ्टवेयर इंजीनियर की शादी अप्रैल 2019 में हुई। युवती का आरोप है कि शादी के बाद वह उसके साथ संबंध नहीं बनाता था। इसे लेकर विवाद शुरू होने लगा। यह रिश्ता जून 2019 तक चला। पति के शारीरिक रूप से अक्षम होने के चलते उसके साथ वैवाहिक संबंध न बना पाने के कारण वह अपने मायके आ गई।
सितंबर 2019 में उसने तलाक की अर्जी दायर कर दी। साथ में शादी में खर्च किए गए 32 लाख रुपये वापस मांगे गए। लंबे समय तक दोनों पक्षों की काउंसलिंग चली। मगर किसी भी स्तर पर बात नहीं बन सकी। काउंसलर अधिवक्ता के अनुसार दोनों को अदालत ने वैवाहिक संबंधों से मुक्त कर तलाक मंजूर कर दिया है। साथ में युवक पक्ष ने 28 लाख रुपये वापस किए हैं।