रांची: झारखंड के ग्रामीण इलाकों में इन दिनों जंगली हाथी ने आतंक मचा रखा है. बीते 12 दिनों में राज्य के पांच जिलों में हाथी के हमले में 16 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. सोमवार-मंगलवार की रात को रांची जिले के प्रखंड में हाथी के हमले में चार लोगों की जान गई है. रांची के संभागीय वन अधिकारी श्रीकांत वर्मा ने कहा कि घटना के बाद से इटकी ब्लॉक में धारा 144 लागू कर दी है. ग्रामीणों को विशेष रूप से सूर्योदय और सूर्यास्त के दौरान अपने घरों के अंदर रहने के लिए कहा गया है. एजेंसी के मुताबिक, इटकी प्रखंड में जंगली हाथी ने चार लोगों को मार डाला.
पश्चिम बंगाल की हाथी विशेषज्ञ टीम से वन विभाग से साधा संपर्क
प्रधान मुख्य वन संरक्षक शशिकर सामंत ने बताया कि पिछले 12 दिनों में हजारीबाग, रामगढ़, चतरा, लोहरदगा और रांची जिलों में 16 लोग हाथी के हमले में मारे गए हैं. हाथी को कंट्रोल करने के लिए पश्चिम बंगाल की हाथी विशेषज्ञ टीम से वन विभाग ने संपर्क साधा है.
चार डिवीजनों के वन अधिकारियों की समिति बनाई
वन संरक्षक ने बताया, ”हमने रांची के वन संरक्षक की अध्यक्षता में चार डिवीजनों के वन अधिकारियों की समिति बनाई है. कमेटी यह जांच करेगी कि क्या एक ही हाथी ने सभी 16 लोगों की जान ली है या एक से ज्यादा हाथियों ने आतंक मचाया है. अगर, एक ही हाथी के होने की बात सामने आती है, तो दो दिनों के अंदर फैसला किया जा सकता है.” सामंत ने आगे कहा कि ऐसा लगता है कि हाथी के व्यवहार में अचानक से बदल गया है. समिति इस बात की जांच करेगी कि क्या हाथी जानबूझकर लोगों को मार रहा है या लोग खुद अपनी मौत के लिए जिम्मेदार हैं.
अब तक 16 लोगों की हो चुकी है मौत
रांची डीएफओ वर्मा ने बताया है कि लोहरदगा जिले में सोमवार और रविवार को एक हाथी ने दो महिलाओं समेत चार लोगों को कुचल कर मार डाला था. लगता है कि सोमवार की रात रांची से करीब 25 किलोमीटर दूर इटकी प्रखंड में पहुंचे हाथी ने दो महिलाओं सहित चार लोगों पर हमला कर दिया और उनकी मौत हो गई. वहीं, हाथी ने मंगलवार सुबह एक व्यक्ति को घायल किया है. रांची के डीएफओ ने कहा कि आशंका है कि इसी हाथी ने करीब 12 दिन पहले हजारीबाग में पांच लोगों को मार डाला. इसके बाद वह रामगढ़ चला गया, जहां इसने गोला इलाके में एक व्यक्ति को कुचल कर मार डाला. इसके बाद वह चतरा गया, वहां भी एक व्यक्ति की जान ले ली. उन्होंने कहा है कि हम यह तय करने के लिए हाथी की तस्वीरों और अन्य पहलुओं की जांच कर रहे हैं कि क्या इन सभी घटनाओं के पीछे एक ही हाथी है या एक से अधिक हाथियों ने आतंक फैलाया है.
हाथी की पहचान करने के कई तरीके
लोहरदगा के प्रभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) अरविंद कुमार ने बताया था कि पश्चिम बंगाल के बांकुड़ा जिले से एक विशेषज्ञ दल हाथी को घने जंगल में भगाने के काम में लगा हुआ है. पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि हाथी की पहचान करने के कई तरीके हैं.
उन्होंने कहा, “हमारे पास ट्रैकिंग सिस्टम है, जिसमें हर जिला अपने संबंधित क्षेत्रों में हाथियों की आवाजाही का इनपुट देता है. इसके अलावा, हमारे पास हाथियों की तस्वीरें और वीडियो भी हैं. जिस हाथी ने इटकी में लोगों की जान ली, उसके भी दांत हैं और जिसने बाकी इलाकों में लोगों की जान ली थी, उसके भी दांत होने की बात कही गई है.
मृतक के परिजनों को मिलेगा 3.75 लाख रुपये मुआवजा
वन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि प्रत्येक मृतक के परिजनों को 25-25 हजार रुपये की तत्काल राहत राशि दी जा रही है. सरकारी प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद प्रत्येक पीड़ित परिवार को 3.75 लाख रुपये का मुआवजा प्रदान किया जाएगा.
मानव-हाथी संघर्ष के मामलों में हुआ है इजाफा
झारखंड में मानव-हाथी संघर्ष में वृद्धि हुई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि 2021-22 में हाथी के हमलों में 133 लोग मारे गए हैं, जो 2020-21 में हुई 84 मौतों के आंकड़े से अधिक है. केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु मंत्रालय ने हाल ही में एक आरटीआई आवेदन के जवाब में कहा है कि झारखंड में 2017 से पांच वर्षों में मानव-हाथी संघर्ष में 462 लोग मारे गए हैं. इसमें साल 2021-22 में 133 लोगों की मौत हुई है.