देहरादून: मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के तहत प्रोजेक्ट लगाने वालों को 15 से 25 प्रतिशत सब्सिडी का भी प्रावधान था। योजना के तहत 20 से 25 किलोवाट तक के ही प्रोजेक्ट लगा सकते थे। युवाओं ने इसमें उत्साह नहीं दिखाया, जिसकी वजह से लक्ष्य के सापेक्ष केवल 120 प्रोजेक्ट ही लग पाए। त्रिवेंद्र सरकार में शुरू हुई मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के तहत युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए दिशा-निर्देश बदल दिए गए हैं। कैबिनेट ने इस पर मुहर लगा दी, जिसके बाद अब लोग 200 किलोवाट तक के प्रोजेक्ट लगा सकेंगे। सरकार ने इन पर सब्सिडी भी बढ़ा दी है। सीएम सौर स्वरोजगार योजना के तहत प्रदेश में 10 हजार सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट लगाने का लक्ष्य रखा गया था। इस योजना के तहत प्रोजेक्ट लगाने वालों को 15 से 25 प्रतिशत सब्सिडी का भी प्रावधान था। योजना के तहत 20 से 25 किलोवाट तक के ही प्रोजेक्ट लगा सकते थे।
युवाओं ने इसमें उत्साह नहीं दिखाया, जिसकी वजह से लक्ष्य के सापेक्ष केवल 120 प्रोजेक्ट ही लग पाए। अब सरकार ने नियमावली में जो संशोधन किया है, उसके तहत सब्सिडी 15 से 40 प्रतिशत तक मिलेगी। 20 से 25 किलोवाट के स्थान पर 50 किलोवाट, 100 किलोवाट और 200 किलोवाट के परियोजना संयंत्र स्थापित किए जाएंगे।
युवाओं के उत्साह को बढ़ाने के लिए सरकार ने सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट को लगाने में आने वाली लागत की दर भी 40 हजार रुपये प्रति किलोवाट से बढ़ाकर 50 हजार रुपये प्रति किलोवाट कर दी है। माना जा रहा है कि इससे मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना में युवाओं का रुझान बढ़ेगा।