यवतमाल: महान संत शिरडी के साईं बाबा हिंदू थे या मुसलमान? एक बार फिर यह विवाद शुरू हो गया है. इस बार इसकी शुरुआत बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री ने शुरू की है. साईं बाबा ने कभी अपना धर्म नहीं बताया लेकिन धीरेंद्र शास्त्री ने एक टीवी शो में साईं बाबा का जिक्र चांद मियां कह कर किया. उन्होंने कहा कि साईं बाबा टोपी पहनते थे या माला, उन्होंने नहीं देखा. धीरेंद्र शास्त्री के इस बयान से उनकी ही तरह भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने का ध्येय रखने वाले एक अन्य हिंदू संत कालीचरण महाराज नाराज हो गए हैं.
धीरेंद्र शास्त्री का पुराना VIDEO
कालीचरण महाराज ने बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री के इस बयान के जवाब में आज (4 मार्च, शनिवार) यवतमाल में कहा, ‘कुछ लोगों ने साईं बाबा को मुसलमान घोषित करने का महान मूर्खों जैसा काम शुरू किया है. अगर साईं बाबा को मुसलमान बताया गया तो हिंदुत्व का दो तरह से बड़ा नुकसान होगा. पहला, साईं बाबा के जितने कट्टर भक्त हैं, वे सब के सब मुसलमान हो जाएंगे. हिंदू लोगों के हाथों से एक महान वर्ल्ड क्लास लेवल के चमत्कारी संत निकल जाएंगे.एक क्षण में साईं बाबा संस्थान के करोड़ों-अरबों रुपए की संपत्ति पर मुस्लिम वक्फ बोर्ड का कब्जा हो जाएगा. ये लोग जो सड़कों पर बैठ कर नमाज पढ़ते हैं, एक झटके में यहां मूर्ति तोड़ कर नमाज पढ़ना शुरू कर देंगे.’
साई बाबा हिंदू की मुस्लिम कोण करतोय वाद
कालीचरण महाराजांनी फटकारले#Saibaba #Shirdi pic.twitter.com/mEHH6jLt7n— jitendra (@jitendrazavar) March 4, 2023
लव जेहाद, लैंड जेहाद, जनसंख्या जेहाद, बदनामी जेहाद….और यूपीएससी जेहाद
आगे कालीचरण महाराज ने कहा, ‘इसे कहते हैं बदनामी जेहाद…लव जेहाद, लैंड जेहाद, जनसंख्या जेहाद, बदनामी जेहाद…यूपीएससी जेहाद. उर्दू में परीक्षा लेने की शुरूआत हो गई है. परीक्षा देने वाले मुसलमान और परीक्षा लेने वाले वाले मुसलमान. परीक्षा देने वाला कुछ भी लिख रहा है, नंबर देने वाला उस पर क्या नंबर दे रहा है, किसको पता…’
आठ साल पहले यूं शुरू हुआ था साईं बाबा को चांद मियां बताने से जुड़ा विवाद
करीब आठ साल पहले शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वतीने साईंबाबा को मुस्लिम बताकर विवाद शुरू किया था. उन्होंने तर्क दिया था कि शिरडी में साईं बाबा की जो समाधि है, मुसलमानों के मजार और कब्र की तरह लंबी आयताकार है. हिंदुओं की समाधि गोल आकार की होती है.
शिरडी के साईं बाबा से ऐसे जुड़ा चांद मियां का नाम
साईंबाबा के जन्म के बारे में कहा जाता है कि वे महाराष्ट्र के परभणी जिले के पाथरी गांव में जन्मे थे. उनकी माता का नाम देवकी अम्मा और पिता का नाम गोविंद भाऊ था. कुछ लोग देवकी अम्मा का नाम देवगिरी अम्मा और गोविंद भाऊ का नाम गंगा भाऊ बताते हैं. देवगिरी अम्मा के पांच बेटे थे. उनके नाम रघुपत भुसारी, दादा भुसारी, हरिबाबू भुसारी, अंबादास भुसारी और बलवंत भुसारी थे. साईं बाबा का संबंध हरिबाबू भुसारी से है.
साईंबाबा के पिता के घर के पड़ोस में एक मुस्लिम परिवार रहता था. उस परिवार के मुखिया का नाम चांद मियां और उनकी पत्नी का नाम चांद बीबी था. उनकी कोई संतान नहीं थी. हरिबाबू यानी साईं बाबा अपना काफी समय उनके घर में बिताया करते थे. चांद बीबी भी हरिबाबू को बेटे की तरह प्यार करती थी. इस वजह से चांद मियां नाम साईं बाबा के साथ जुड़ गया.