नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पुलिस हेल्पलाइन 100 पर जान से मारने की धमकी देने के आरोपित को दिल्ली की कोर्ट ने आरोपों से बरी कर दिया है। अदालत ने कहा कि प्रॉसीक्यूशन पुख्ता सबूतों को पेश करने में विफल रही हैं, जिसके कारण आरोपित को बरी किया जाता है। आनंद परबत पुलिस ने 2019 में मोहम्मद मुख्तार अली के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 506 (ii) के तहत आरोप पत्र दायर किया था। धारा 506 आपराधिक धमकी से संबंधित है और इसका दूसरा हिस्सा उन लोगों के खिलाफ लगाया जाता है जो मौत या गंभीर चोट पहुंचाने के लिए खतरा पैदा करते हैं।
मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट शुभम देविया ने पिछले महीने पास किए गए ऑर्डर में कहा था कि आरोपित अली के खिलाफ आरोप को साबित करने के लिए सबूत के तौर पर हाथ से लिखी हुई सामान्य डायरी और पीसीआर फॉर्म था।
मजिस्ट्रेट देवदिया ने पिछले महीने पारित एक आदेश में कहा, ‘इस अदालत को लगता है कि अभियोजन पक्ष ऐसे किसी भी सबूत को रिकॉर्ड में लाने में बुरी तरह विफल रहा है, जो किसी को भी मारने की धमकी के रूप में कोई बयान दे सकता था या साबित कर सकता था।”