नई दिल्ली: भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज के बीच हैदराबाद हाउस में लंबी बातचीत हुई। इस दौरान दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने कई मुद्दों पर आपसी सहमति जताई। बैठक के दौरान प्रधानमंत्री ने ऑस्ट्रेलिया में हिंदू मंदिरों पर हो रहे हमलों का मुद्दा भी उठाया। मीडिया को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने खुद इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा, ‘ऑस्ट्रेलिया में मंदिरों के ऊपर लगातार हमलों की खबरें आ रहीं हैं। यकीनन इसने भारत में लोगों को चिंतित किया। इसको लेकर मैंने प्रधानमंत्री अल्बानीज से चर्चा की। उन्होंने मुझे आश्वस्त किया है कि उनकी सरकार के लिए भारतीयों की सुरक्षा सबसे अहम है। ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले भारतीयों को पूरी सुरक्षा दी जाएगी।’
पीएम मोदी ने और क्या कहा?
मीडिया को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘सुरक्षा सहयोग हमारी रणनीति का महत्वपूर्ण स्तंभ है। इंडो पैसेफिक क्षेत्र में हम लोग आपसी सहयोग बढ़ाएंगे। इसपर चर्चा हुई है। रक्षा के क्षेत्र में हमने पिछले कुछ सालों में उल्लेखनीय समझौते किए हैं।’
- आज हमने विश्वस्त और मजबूत वैश्विक सप्लाई चेन को विकसित करने के लिए भी आपसी सहयोग पर विचार विमर्श किया। हम क्लीन हाइड्रोजन और सोलर में भी साथ मिलकर काम कर रहे हैं।
- रक्षा के क्षेत्र में हमने पिछले कुछ सालों में उल्लेखनीय समझौते किए हैं जिसमें एक दूसरे की सेनाओं के लिए लॉजिस्टिक्स सपोर्ट भी शामिल है। हमारी सुरक्षा एजेसियों के बीच भी नियमित और उपयोगी सुचना का आदान प्रदान और हमने इसे और सुदृढ़ करने पर चर्चा की है।
- दोनों देशों की सेनाओं ने लॉजिस्टिक सेवाओं का आदान-प्रदान किया। युवा सैनिकों के बीच संपर्क और रिश्ते बढ़ाने के लिए नई स्कीम शुरू की है। हमने विश्वस्त और मजबूत सप्लाई चेन को मजबूत करने के लिए बात की है।
दोनों देशों के बीच कई मसलों को लेकर हुए समझौते
दोनों देशों के बीच शिक्षा, ऊर्जा, रक्षा, व्यापार समेत कई मसलों को लेकर समझौते भी हुए।
भारत और ऑस्ट्रेलिया अच्छे दोस्त हैं
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज भारत की चार दिवसीय यात्रा पर हैं। आज वह राष्ट्रपति भवन पहुंचे। यहां उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इसके बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए अल्बानीज ने भारत की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने मेरा बहुत अच्छे से स्वागत किया। ऑस्ट्रेलिया और भारत अच्छे दोस्त हैं और पार्टनर भी हैं। हम रोज अपने संबंध को और मजबूत कर रहे हैं। इसके बाद पीएम अल्बानीज ने भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर से भी मुलाकात की।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मिले ऑस्ट्रेलियाई पीएम
राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत के बाद ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात की। इस दौरान दोनों ने भारत और ऑस्ट्रेलिया से जुड़े मुख्य पहलुओं पर चर्चा की। जयशंकर ने ट्वीट पर इसकी जानकारी दी। उन्होंने लिखा ‘आज सुबह ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज से मिलकर अच्छा लगा। उनकी यात्रा और आज का वार्षिक शिखर सम्मेलन हमारे संबंधों को उच्च स्तर पर ले जाएगा।’
INS विक्रांत पर गए थे ऑस्ट्रेलियाई पीएम
इससे पहले गुरुवार को अल्बानीज मुंबई में भारत के पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर भी सवार हुए। इस दौरान भारतीय नौसेना ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया। इतना ही नहीं आईएनएस विक्रांत पर वह लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) के कॉकपिट में भी बैठे। भारतीय नौसेना के अधिकारियों ने अल्बानीज के साथ भारत के सबसे बड़े विमानवाहक पोत के बारे में विवरण और जानकारी साझा की। बता दें कि अल्बानीज आईएनएस विक्रांत पर जाने वाले पहले विदेशी प्रधानमंत्री हैं।
ऑस्ट्रेलिया के लिए भारत शीर्ष स्तरीय सुरक्षा भागीदार
ऑस्ट्रेलिया के पीएम ने गुरुवार को आईएनएस विक्रांत का भी दौरा किया। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं पीएम मोदी के निमंत्रण पर नवनियुक्त, भारतीय डिजाइन और भारत में निर्मित आईएनएस विक्रांत पर आकर सम्मानित महसूस कर रहा हूं। मेरी यात्रा भारत-प्रशांत और उससे आगे ऑस्ट्रेलिया के दृष्टिकोण के केंद्र में भारत को रखने की मेरी सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। ऑस्ट्रेलिया के पीएम ने कहा कि हम दोनों अपने व्यापार और आर्थिक भलाई के लिए इंडो-पैसिफिक में समुद्री लेन तक मुक्त और खुली पहुंच पर निर्भर हैं। हम नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को बनाए रखने और इंडो-पैसिफिक को खुला, समावेशी और समृद्ध सुनिश्चित करने के लिए एक अटूट प्रतिबद्धता साझा करते हैं।
पीएम मोदी को लेकर कही यह बात
उन्होंने कहा कि भारत की नौसेना के प्रतिभाशाली और उच्च पेशेवर पुरुषों और महिलाओं के साथ बैठक की मुझे बहुत खुशी है। यह रक्षा संबंधों को नए स्तरों तक ले जाता है। यह उन लोगों का संकल्प और दूरदर्शिता है जो रिश्ते को लेकर न केवल यह देखते हैं कि यह क्या है, बल्कि यह क्या हो सकता है। ऐसे ही एक व्यक्ति मेरे मित्र, प्रधानमंत्री मोदी हैं। उन्होंने आगे बोलते हुए पीएम मोदी को रक्षा और सुरक्षा साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए समर्पण देने के लिए धन्यवाद दिया।