कातिल हसीना, के क़ातिल कारनामे, जिसने प्रेमी के साथ मिलकर पति और 4 बच्चों को मरवा दिया था, पढ़ें कत्ल की पूरी दास्तान

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अलवर: क्या आप सोच सकते हैं कि कोई महिला इतनी बेरहम हो सकती है कि अपने पति और 4 बच्चों को मरवा दे? लेकिन राजस्थान से एक ऐसा ही मामला सामने आया था, जिसमें अदालत ने पति और 4 बच्चों की हत्या के मामले में पत्नी और उसके प्रेमी को दोषी माना है और उन्हें आज फैसला सुनाते हुए आजीवन कारावास की सजा दी है।

अब हाईकोर्ट में फांसी की अपील होगी दाखिल

ये मामला करीब साढ़े 5 साल पुराना है, जिसमें अलवर शहर के शिवाजी पार्क पुलिस थाना क्षेत्र की कॉलोनी शिवाजी पार्क में पति  और 4 बच्चो की हत्या कर दी गई थी। सरकार द्वारा नियुक्त एडवोकेट अशोक शर्मा ने बताया कि 2  व 3 अक्टूबर 2017 की रात में शिवाजी पार्क इलाके में 4 बच्चों सहित 5 लोगों की हत्या हुई थी। इस घटना ने पूरे शहर को हिला दिया था। इस मामले में अपर जिला सेशन  न्यायाधीश क्रम संख्या दो रेनू श्रीवास्तव ने आरोपी महिला संध्या उर्फ संतोष पत्नी बनवारी लाल एवं उसके प्रेमी हनुमान को धारा 302, 460 ,120 और 201 में दोषी मानते हुए ये सजा सुनाई है। उन्होंने बताया कि संतोष उर्फ संध्या एवं उसके प्रेमी हनुमान को धारा 302 और 120 बी में उम्र कैद की सजा हुई है, जबकि धारा 460 में 10 साल का कारावास और धारा 201 में चार साल की सजा सुनाई है। उन्होंने बताया कि जिस तरह का यह जघन्य हत्याकांड है, उसमें इस तरह की सजा भी पर्याप्त नहीं है, इसलिए जयपुर हाईकोर्ट की खंडपीठ में फांसी की सजा की अपील की जाएगी।

कोर्ट परिसर में तैनात था भारी पुलिस बल

इस फैसले को लेकर आज अदालत परिसर में काफी पुलिस बल तैनात था और लोगों का हजूम उमड़ा हुआ था और सबकी निगाहें इसके फैसले पर थीं। इस हत्याकांड में 77 गवाह लिए गए और 379 दस्तावेज सत्यापित कराए गए। 78 आर्टिकल साबित किए गए थे।

क्या हुआ था उस रात

शिवाजी पार्क में किराए के मकान में रह रहीं कठूमर के गारु निवासी 36 वर्षीय संतोष उर्फ संध्या के पति बनवारी लाल (40), बेटा अमन (17), हैप्पी उर्फ हिमेश(15), अज्जू (12), बनवारी के भाई मुकेश का बेटा नितिन उर्फ निक्की (10) की रात में हत्या हो गई थी। पुलिस ने इस घटना का खुलासा 7 अक्टूबर को किया था, जिसमें मृतक बनवारी की पत्नी संतोष, प्रेमी हनुमान प्रसाद और हत्या में शामिल दो किशोर को गिरफ्तार किया गया था।

घटना से पहले परिवार को रात के खाने में नींद की गोलियां पीसकर दी गईं थी और यह नींद की गोलियां रायते में दी गई थीं। इसके बाद संतोष ने घर का दरवाजा खोल दिया, जहां हनुमान ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर सोते हुए बनवारी व अमन की चाकू से गला रेतकर हत्या कर दी। इस दौरान जैसे ही दूसरे बच्चे जागने लगे तो इन लोगों ने उनका भी गला रेत दिया। यह सारा घटनाक्रम सीढ़ियों पर खड़ी संतोष देखती रही।

पांचों की हत्या होने के बाद संतोष ने प्रेमी हनुमान को स्कूटी की चाबी दी और स्कूटी मंडी मोड़ के पास खड़ी कर दी। उसके बाद ये रेलवे स्टेशन पहुंचे और यहां से ऑटो से राजगढ़ गए। फिजिकल टीचर की ट्रेनिंग कर रहा प्रेमी हनुमान,  ट्रेन से उदयपुर पहुंच गया।

संतोष साहब जोहड़ा स्थित एक ताइक्वांडो एकेडमी में मार्शल आर्ट सीखने जाती थी। यहीं उसकी मुलाकात बड़ौदा मेव हनुमान प्रसाद से हुई और दोनों के बीच अवैध संबंध हो गए। इसकी जानकारी पति बनवारी और बड़े पुत्र अमन को होने पर इस हत्या की साजिश रची गई।

साभार – इंडिया टीवी

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