इस कश्मीरी लड़की को सलाम, पवित्र कुरान को पहले किया (हिफ़्ज़) कंठस्थ , फिर चार महीने में हाथ से लिखकर कायम की मिसाल

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जम्मू: जम्मू-कश्मीर के गांदरबल जिले की एक छात्रा ने कमाल कर दिखाया है। सलीमा नाम की छात्रा ने जो कर दिखाया है, सोशल मीडिया पर उसकी चर्चा है। दरअसल, छात्रा ने पवित्र कुरान को पहले कंठस्थ किया और फिर हाथ से पवित्र कुरान लिखकर पूरे गांदरबल जिले को गौरवान्वित किया है। सलीमा ने कुरान को इतनी खूबसूरत लिखावट में लिखा है कि मानों उसे कंप्यूटर से लिखा गया हो। सलीमा कहती हैं कि मेरे दादा और दादी की इच्छा थी कि परिवार के सभी लड़के और लड़कियां पवित्र कुरान को बेहतर तरीके से पढ़ना और लिखना सीखें।

बच्ची बोली- चार महीने में लिखा कुरान

सलीमा ने कहा कि घर में धार्मिक माहौल के कारण मैंने पवित्र कुरान के साथ एक विशेष संबंध विकसित किया और फिर उसे पढ़ने और लिखने का जुनून भी विकसित किया। सलीमा ने बताया कि मैंने 5 नवंबर, 2022 को पवित्र कुरान लिखना शुरू किया और अब मैंने इस पूरा कर दिया है। सलीमा ने बताया कि मैं ग्रेजुएशन कर रही हूं। मैं रोज सुबह और शाम का काम खत्म करने के बाद पवित्र कुरान लिखना शुरू करती थी। चार महीने में मैंने इसे पूरा किया। इस दौरान माता-पिता और परिवार के सभी सदस्यों का भरपूर सहयोग मिला।

छात्रा बोली- मौलवी साहबों का भी पूरा सहयोग मिला

सलीमा ने कहा कि  पवित्र कुरान लिखते समय मुझे जो कुछ भी चाहिए था, वह सभी आवश्यक चीजें प्रदान की गईं। मुझे पहले क्षेत्र के कई मौलवी साहबों ने पवित्र कुरान पढ़ना सिखाया और इसके बारे में सभी प्रकार का ज्ञान प्रदान किया गया। सलीमा के परिजन कहते हैं कि हमें गर्व है कि हमारे क्षेत्र में ऐसी गुणवती बेटी ने जन्म लिया। उन्होंने कहा कि पवित्र कुरान को कंठस्थ करना और फिर उसे हाथ से लिखना बड़ा काम है। ऐसा करके सलीमा ने क्षेत्र के साथ-साथ हमारे समाज का भी नाम रोशन किया है, जिसके लिए हमें गर्व है। परिजन ने कहा कि हम आशा करते हैं कि सरकार ऐसी लड़कियों को प्रोत्साहित करेगी।

15 मार्च को 10 साल की बच्ची ने 30 दिनों में लिखा था कुरान

इसस पहले 10 साल की कश्मीरी बच्ची एक महीने में हाथ से पवित्र कुरान लिखने का कारनाम किया था। मुंतहा मकसूद नाम की बच्ची चित्रगाम शोपियां की रहने वाली है। वो किंडरगार्टन पब्लिक स्कूल में कक्षा 5 की छात्रा है। छात्रा ने करीब 700 पेज में पूरा कुरान लिख डाला था। न्यूज एजेंसी केएनओ मुंताहा के हवाले से बताया गया था कि जब वह महज 4 साल की थीं, तब उन्होंने कुरान पढ़ना शुरू किया था। उन्होंने कहा था कि लड़कियों को शिक्षा देना जरूरी है क्योंकि एक महिला को शिक्षित करना पूरे परिवार को शिक्षित करने के समान माना जाता है लेकिन शिक्षा उन्हें इस्लाम से दूर नहीं करना चाहिए।

दिसंबर में एक और छात्रा ने लिखी थी 900 पन्नों की कुरान

इससे पहले दिसंबर 2022 में जम्मू कश्मीर की एक स्कूली छात्रा ने 900 पन्नों की कुरान लिखने का कारनामा कर दिखाया था। बांदीपोरा के एक हाई स्कूल के छात्रा अर्बिन ताहिर ने छह महीने में अपने हाथों से 900 पन्नों का पवित्र कुरान लिखा था। एक रिपोर्ट के मुताबिक, अरबिन 11वीं कक्षा में गिरियां जमात की छात्रा है और अपने हाथों से पवित्र कुरान लिखने का उसका सपना था

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