लोकसभा स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की प्रक्रिया क्या है? कांग्रेस कर रही लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी !

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नई दिल्ली: राहुल गांधी की सदस्यता खत्म होने के बाद कांग्रेस अब लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रही है. बताया जा रहा है कि कांग्रेस की मीटिंग में ओम बिरला के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने पर चर्चा हुई. माना जा रहा है कि सोमवार यानी 3 अप्रैल को अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है. इसके लिए दूसरी विपक्षी पार्टियों के नेताओं से भी बात की जा रही है. हालांकि, कुछ पार्टियां इसका विरोध कर रहीं हैं, क्योंकि उनका मानना है कि इससे विपक्षी एकता को चोट पहुंच सकती है. दरअसल, बीती 23 मार्च को मानहानि के मामले में राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई गई. इसके बाद उनकी लोकसभा की सदस्यता भी चली गई.

कैसे आएगा अविश्वास प्रस्ताव?

– वरिष्ठ पत्रकार अरविंद कुमार सिंह का कहना है कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए कम से कम 100 सदस्यों का समर्थन जरूरी है. उन्होंने बताया कि अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए 14 दिन पहले नोटिस भी देना होता है.

आने के बाद क्या?

– सिंह के मुताबिक, अविश्वास प्रस्ताव आने के बाद सदन में उस पर चर्चा होती है. ये प्रस्ताव जिसके खिलाफ लाया जाता है, वो उस समय सीट पर नहीं होता. यानी, जब इस पर चर्चा होगी तो लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला स्पीकर की कुर्सी पर नहीं बैठेंगे.

प्रस्ताव पास हुआ तो क्या?

– उन्होंने बताया कि अगर अविश्वास प्रस्ताव पास हो जाता है तो ओम बिरला को लोकसभा अध्यक्ष के पद से इस्तीफा देना होगा. हालांकि, इसकी संभावना न के बराबर है. क्योंकि विपक्ष के पास इतना बहुमत नहीं है कि वो इस प्रस्ताव को पास करा ले जाए.

तो फिर क्यों लाया जा रहा है?

– अरविंद सिंह का कहना है कि अविश्वास प्रस्ताव असल में नाराजगी का प्रतीक होता है. विपक्ष को भी पता है कि ये प्रस्ताव पास नहीं हो सकता, लेकिन इसके जरिए वो अपनी ताकत दिखाना चाहता है.

किसी स्पीकर के खिलाफ आया है अविश्वास प्रस्ताव?

– उन्होंने बताया कि इतिहास में अब तक दो बार लोकसभा स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है. पहली बार गणेश वासुदेव मावलंकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आया था, जो गिर गया था. मावलंकर लोकसभा के पहले स्पीकर थे. उनके बाद बलराम जाखड़ के खिलाफ भी अविश्वास प्रस्ताव आया था. ये भी गिर गया था. दोनों ही बार कांग्रेस की सरकार थी और उसके पास प्रचंड बहुमत था. इस वजह से ये प्रस्ताव गिर गए थे.

साभार – आज तक

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